राज्यकर्मियों के साथ बैठक का शासन ने जारी किया कार्यवृत्त, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने जताया रोष, देखें कार्यवृत्त

 देहरादून। राज्यकर्मियों की पूर्व में हुई शासन के साथ बैठक के बाद आज शासन ने मांगों के संबंध में कार्यवृत्त जारी कर दिया। इसमें कई मुद्दों को लेकर शासन के रुख से राज्यकर्मियों में असंतोष है। राज्यकर्मियों ने मांगों को लेकर शीघ्र निर्णय लेने और सहमति के बिन्दुओं पर यथाशीघ्र कार्रवाई करने की मांग की। साथ ही सहमति वाले बिंदुओं पर शासनादेश जारी नहीं होने की स्थिति में आंदोलन की चेतावनी दी है।
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रान्तीय प्रवक्ता आरपी जोशी ने बताया कि द्वारा प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया गया, कि राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रदेश अध्यक्ष अरुण पाण्डे एवं महामंत्री शक्ति प्रसाद भट्ट के नेतृत्व में दिनांक 12 अगस्त को परिषद नेताओं की अपर मुख्य सचिव (वित्त) की अध्यक्षता में बैठक हुई थी। इस बैठक का कार्यवृत्त आज लगभग डेढ़ माह पश्चात आज जारी किया गया।
उन्होंने बताया कि कार्यवृत्त में कतिपय मांगो पर पुनः परीक्षण कर अग्रेतर कार्रवाई के लिए निर्णय अंकित किए गए हैं। इन पर पूर्व मे विचार से इंकार कर दिया गया था। उक्त मांगपत्र की अति महत्वपूर्ण एवं अधिकतम जिन मांगों पर शासन के उच्चाधिकारियों का रुख सकारात्मक था और जिन पर शासन के कार्यवाही चल रही थी, उनको भी परीक्षण के लिए लिखा जाने से कर्मचारियों में निराशा है।
परिषद के अध्यक्ष अरुण पाण्डे के अनुसार राज्य कार्मिकों के लिए 10, 16, 26 वर्ष की सेवा पर पूर्व की भांति एसीपी की व्यवस्था, अतिउत्तम के स्थान पर उत्तम के शासनादेश को संशोधित कर 1.1.2017 से लागू किया जाना, शिथिलीकरण का लाभ सहित गोल्डन कार्ड के प्रभावी क्रियान्वयन पर शासन की ओर से तत्काल कार्यवाही किए जाने की आवश्यकता है। शासन के सकारात्मक रवैए से कार्मिक अत्यन्त आशान्वित भी थे, इनमें से अधिकतम बिन्दुओं पर बैठक में सहमति भी बनीं थी। इसके बावजूद कार्यवृत्त में इसका परिलक्षित न होना अत्यन्त ही निराशाजनक है। उन्होंने कहा कि यदि बैठक में सहमति के बिन्दुओं पर यथाशीघ्र कार्वाई नहीं होती है। अथवा शासनादेश जारी नही होता है, तो परिषद को अग्रिम कार्रवाई के लिए बाध्य होना पड़ेगा।