परिवहन विभाग में प्रवर्तन सिपाहियों की पदोन्नति का रास्ता जल्द होगा साफ

देहरादून। शासन द्वारा परिवहन चेकपोस्ट को बंद करने और प्रवर्तन कार्यों को गति देने के निर्णय से अब प्रवर्तन सिपाहियों की लंबित सेवा नियमावली के जल्द अमल में आने की उम्मीद जगी है। शासन ने इस पर सभी आपत्तियों का निस्तारण करते हुए इसे प्रकाशन के लिए भेज दिया है। इससे प्रवर्तन सिपाहियों की पदोन्नति का रास्ता साफ हो रहा है। परिवहन विभाग में बीते वर्ष जून में कैबिनेट ने प्रवर्तन संवर्ग के ढांचे में बदलाव किया। प्रस्तावित सेवा नियमावली में इस संवर्ग में प्रवर्तन सिपाही, प्रवर्तन पर्यवेक्षक और वरिष्ठ प्रवर्तन पर्यवेक्षक के पद सृजित किए गए। पहले इस संवर्ग में प्रवर्तन सिपाही के बाद प्रवर्तन पर्यवेक्षक का पद था। प्रवर्तन पर्यवेक्षक के पद भी बेहद सीमित थे। इस कारण अधिकांश सिपाही पूरी सेवा करने के बाद भी पदोन्नत नहीं हो पाते थे। इसे लेकर हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई।
कोर्ट के निर्देशों के क्रम में विभाग ने प्रवर्तन सिपाहियों की संख्या बढ़ाने के साथ ही सीनियर सुपरवाइजर का नया पद सृजित किया। इसके लिए ढांचा कैबिनेट से पारित किया। कैबिनेट की मंजूरी के बाद इसकी नियमावली का ड्राफ्ट तैयार किया गया। इसमें प्रवर्तन सिपाही से प्रवर्तन पर्यवेक्षक और फिर वरिष्ठ प्रवर्तन पर्यवेक्षक पद पर पदोन्नति की समयसीमा तय की गई। यह पत्रावली शासन के कार्मिक विभाग को भेजी गई जहां से इसे अनापत्ति के लिए वित्त विभाग को भेजा गया। वित्त ने इसे अपनी मंजूरी देते हुए कार्मिक को लौटा दिया है। अब शासन ने परिवहन विभाग की चेकपोस्ट एक दिसंबर से समाप्त करने का निर्णय लिया है तो निश्चित रूप से प्रवर्तन दलों की संख्या में इजाफा होगा। प्रवर्तन दलों के सुचारू संचालन को वरिष्ठ प्रवर्तन पर्यवेक्षक जैसे अधिकारियों की जरूरत भी होगी। यही कारण है कि अब शासन ने भी प्रवर्तन सिपाहियों की नियमावली को अंतिम रूप दे दिया है। सचिव परिवहन डा रणजीत सिन्हा ने कहा कि नियमावली को प्रकाशन के लिए भेज दिया है।