
रुद्रप्रयाग(आरएनएस)। जिला प्रशासन जनपद में खाली हो चुके गांवों को दोबारा बसाने के रूप में अभिनव पहल करने की तैयारी में जुटा है। विकास विभाग ऐसे कई विभागों के अफसरों की टीम बनाकर ऐसे गांवों का चिह्नीकरण करेंगे जो रिवर्स पलायन के रूप में मॉडल गांव बनाए जा सके। इन गांवों के कायाकल्प के लिए जिला योजना से विस्तृत कार्ययोजना बनाई जाएगी। जनपद में ऐसे कई गांव है जहां से पलायन तो हुआ है, किंतु यहां के लोगों का समय-समय पर गांव आना-जाना बना रहता है। ऐसे ही गावों को पूरी तरह रिवर्स पलायन के रूप में मॉडल गांव बनाने की दिशा में प्रशासन तैयारी कर रहा है ताकि यहां के युवाओं, महिलाओं और ग्रामीणों को गांव में रोजगार के अवसर हासिल करने का अवसर मिल सके। जिलाधिकारी प्रतीक जैन ने बताया कि जनपद में अन्य जनपदों की तुलना पलायन कम है किंतु जिन गांवों से पलायन हुआ है वहां दोबारा रिवर्स पलायन कैसे हो, इसके लिए विस्तृत कार्ययोजना बनाई जा रही है। जिलाधिकारी ने बताया कि जनपद में केदारनाथ यात्रा के साथ ही कई मंदिर हैं जो आर्थिकी का मुख्य जरिया बन सके हैं। फूल, बेल पत्र और अन्य पूजन सामग्री की अधिक डिमांड है लोगों के हाथों में रोजगार देकर गांवों में ही बेहतर कार्य किया जा सकता है। होम स्टे, होटल, रेस्टोरेंट, लॉज आदि की अपार संभावनाएं हैं। स्वयं सहायता समूह को और मजबूत किया जा सकता है। सरकार की मंशा के अनुरूप जल्द ही विकास विभाग के सहयोग से पर्यटन, उद्यान, कृषि, जल संस्थान सहित कई संबंधित विभागों की एक टीम को ऐसे गांवों को चिन्हित करने भेजा जाएगा जो रिवर्स पलायन के रूप में मॉडल गांव बनाए जा सके। प्रशासन ऐसे 5 से 7 गांवों को चिन्हित कर उसमें जिला योजना से होने वाला वर्क प्लान तैयार करेगा। यहां का क्लाइमेट बहुत ही अच्छा है आने वाले समय में महानगरों से लोग पहाड़ की ओर आना ज्यादा पंसद करेंगे ऐसे में जनपद के मॉडल गांव को देखकर अन्य गांव भी रिवर्स पलायन की दिशा में तेजी से मजबूत होंगे।