
रुद्रपुर(आरएनएस)। द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश मीना देउपा की अदालत ने प्रसव के दौरान महिला की मौत मामले में साक्ष्यों के अभाव में आरोपी डॉक्टर दंपति को दोषमुक्त कर दिया। 5 अक्तूबर 2022 को किच्छा थाना क्षेत्र के दोपहरिया गांव निवासी सुरेश ने मुकदमा दर्ज कराया था। बताया कि अपनी गर्भवती पत्नी नीतू को छिनकी स्थित एक प्राइवेट क्लीनिक ले गया था, जहां कथित तौर पर डॉक्टर दंपति ने ऑपरेशन व इंजेक्शन के दौरान लापरवाही की, जिसके कारण महिला की मौत हो गई। पुलिस ने मामले में अभियुक्त दंपति के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। मामले की सुनवाई द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश मीना देउपा की अदालत में हुई। सुनवाई के दौरान वादी सुरेश ने कोर्ट में अपने बयान में स्वयं स्वीकार किया कि डॉ.सचिन और डॉ. ज्योति न तो अस्पताल में मौजूद थे और न ही उन्होंने उसकी पत्नी का उपचार या ऑपरेशन किया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में महिला की मृत्यु का कारण प्रसव के बाद अत्यधिक रक्तस्राव बताया गया, लेकिन इसमें कहीं भी किसी गलत इंजेक्शन या चिकित्सीय त्रुटि का उल्लेख नहीं था। दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की दलीलें सुनने के बाद दंपति को बरी कर दिया।

