कोयला आयात की दो साल में जरूरत नहीं रह जाएगी : जोशी

नयी दिल्ली। केंद्रीय कोयला, खान और संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा है कि देश में कोयला उत्पादत तेजी से बढ़ाने के प्रयास तेज किए गए हैं और दो वर्ष में कोयला आयात की जरूरत नहीं रहेगी।
उन्होंने वित्तीय वर्ष 2022-23 में भारत का कुल कोयला उत्पादन 90 करोड़ टन तक पहुंच जाएगा ।
उन्होंने कहा कि कोयला उत्पादन बढ़ाने के लिए कोल इंडिया लिमिटेड और उसकी सहायक कंपनियों द्वारा सभी प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि खनिज अन्वेषण मानदंडों में ढील दी गई है और अब तक नौ निजी अन्वेषण एजेंसियों को मान्यता मिली है। इससे आगे कोयला उत्खनन में और तेजी आने की संभावना है।
श्री जोशी यहां भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक के कार्यालय में ‘खनिज और ऊर्जा संसाधनों पर संपत्ति खातों का संग्रह’ शीर्षक पहली रिपोर्ट जारी करने के लिए आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि वाणिज्यिक कोयला खदान नीलामी प्रक्रिया को पूरी तरह से पारदर्शी और संस्थागत बना दिया गया है।
उन्होंने कहा कि कोयला आयात में काफी कमी आई है और 2024 तक आयात बंद कर दिया जाएगा।
श्री मोदी ने खनिज संपत्तियों पर संपत्ति खाते का पहला संग्रह निकालने के लिए सीएजी कार्यालय की सराहना करते हुए कहा कि रिपोर्ट विभिन्न राज्यों में फैले खनिज संसाधनों की व्यापक तस्वीर प्रस्तुत करती है। यह रिपोर्ट राज्यों के खनिज सम्पत्ति खातों की जानकारी को मिला कर, सरकार खता मानक सलाहकार परिषद (जीएएसएबी) द्वारा तैयार की गयी है। इसमें संग्रह में 28 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में सभी चार जीवाश्म ईंधन, 40 प्रमुख खनिजों और 63 छोटे खनिजों का विवरण शामिल है।
समारोह में भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) गिरीश चंद्र मुर्मू और चयनित राज्यों के खान सचिव, उनके भूविज्ञान और खनन आयुक्त और महालेखाकार तथा सलाहकार समिति के सदस्य भी उपस्थित थे।