प्रधानाचार्य सीधी भर्ती प्रक्रिया पर एलटी शिक्षकों ने किया आक्रोश व्यक्त

अल्मोड़ा(आरएनएस)। राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाचार्य सीधी भर्ती प्रक्रिया पर एलटी शिक्षकों ने विरोध दर्ज करते हुए आक्रोश व्यक्त किया। इस संबंध में राजकीय एलटी ग्रेड सीधी भर्ती संघर्ष समिति उत्तराखंड द्वारा एक ऑनलाइन बैठक आयोजित की गई। जिसमें सभी शिक्षकों द्वारा एक स्वर में प्रधानाचार्य सीधी भर्ती नियमावली का पुरजोर विरोध किया गया। वक्ताओं ने कहा कि इसमें एक बहुत बड़े संवर्ग को नजरअंदाज करते हुए यह नियमावली बनाई गई है। इसमें केवल 10% शिक्षक ही शामिल हो सकेंगे। जबकि पूर्व में शत प्रतिशत पदोन्नति पर एलटी के शिक्षकों को 55% एवं प्रवक्ता संवर्ग को 45% का कोटा देकर प्रधानाध्यापक से प्रधानाचार्य पद पर पदोन्नत किया जाता था। लेकिन अब 50% सीधी भर्ती से प्रधानाचार्य पदों को भरा जा रहा है। जिसमें केवल प्रवक्ताओं को मौका दिया जा रहा है। वक्ताओं का कहना है कि इन पदों पर सीधी भर्ती से प्रधानाचार्य नियुक्त होने पर लंबे समय से विभाग में कार्यरत शिक्षकों को पदोन्नति का लाभ नहीं मिल पाएगा। पहले ही शिक्षकों के लिए पदोन्नति के बहुत कम अवसर होते हैं। इस प्रक्रिया से एलटी के शिक्षकों का तो पदोन्नत होने का सपना ही समाप्त हो गया है। वक्ताओं का कहना है कि अब क्लस्टर व्यवस्था लागू होने पर इंटर कॉलेजों की संख्या और कम हो जाएगी, और इससे प्रधानाध्यापक से प्रधानाचार्य पर पदोन्नति होने के अवसर बहुत सीमित हो जाएंगे। एलटी मे एक ही पद पर 25 से 30 वर्षों तक सेवा करने वालों को इसमें वंचित किया गया है। कहा कि ऐसी नियमावली को निरस्त किया जाना चाहिए। इस संबंध में न्यायालय एवं सरकार दोनों स्तरों पर प्रयास करने का संकल्प लिया गया। बैठक में पूर्व प्रदेश महामंत्री सोहन सिंह मांजिला, गढ़वाल मंडल अध्यक्ष श्याम सिंह सरियाल, महामंत्री हेमंत पैन्यूली, कुमाऊं मंडल के महामंत्री रविशंकर गोसाई, अल्मोड़ा के जिलामंत्री भुवन चिलवाल, उपाध्यक्षा मीनाक्षी जोशी सहित 150 प्रतिनिधि उपस्थित थे। बैठक का संचालन जिला संरक्षक पौड़ी जयदीप रावत एवं दशौली ब्लॉक के अध्यक्ष नरेंद्र सिंह रावत ने किया।

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