पूर्ण विस्थापन की मांग को लेकर बांध प्रभावितों का धरना तीसरे दिन भी रहा जारी

नई टिहरी। कोटेश्वर बांध परियोजना से प्रभावित ग्राम पयाल गांव के काश्तकारों ने पूर्ण विस्थापन की मांग को लेकर तीसरे दिन भी डीपीएच भारत कैंप में अनिश्चितकालीन धरना जारी रहा। ग्रामीण काश्तकारों का कहना है कि उनकी मांग पर गौर न हुआ तो 19 सितंबर को चक्का जाम करेंगे। शनिवार को भी कोटेश्वर बांध से प्रभावित पयाल गांव के ग्रामीणों का धरना जारी रहा। ग्रामीणों की मांग है कि पयाल गांव का वर्ष 2016-17 की सर्वे रिपोर्ट के आधार पर शीघ्र विस्थापन किया जाय। टीएचडीसी भूगर्भीय समिति एवं पुर्नवास विभाग वर्ष 2022 की सर्वे रिपोर्ट को सार्वजनिक करे। समपाश्र्विक क्षति-नीती 2013 की समीक्षा की जाय। टिहरी व कोटेश्वर बांध परियोजना से प्रभावितों की समस्त समस्याओं का समाधान टीएचडीसी स्वयं करे। टीएचडीसी ग्रामीणों को लेकर लापरवाह है। टिहरी झील से प्रभावितों की समस्त समस्याओं के समाधान के लिए गठित मंत्रीमंडलीय उप समिति की बैठक कर समस्याओं का समाधान किया जाय। पुर्नवास नीती 1998 की भांति समपाश्र्विक क्षति नीती में ग्रामीण दुकानदारों का भी विस्थापित कर मुआवजा दिया जाए। 2010 का फसलाना क्षति नीती से प्रभावितों को दिया जाए। पुर्नवास नीती 1998 के भांति समपाश्र्विक क्षति नीती 2013 में भी यह नियम रखा जाय कि 75 प्रतिशत प्रभावित होने पर शेष 25 प्रतिशत का भी पूर्ण विस्थापन किया जाय। विस्थापन पूरा न होने तक टिहरी झील को 830 तक न भरा जाय। पयाल गांव की समस्त परिसम्मपतियों को शीघ्र भुगतान किया जाय।


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