
विकासनगर(आरएनएस)। पर्वतीय राजस्व उप निरीक्षक, राजस्व निरीक्षक संघ की रविवार को कालसी तहसील सभागार में संपन्न हुई बैठक में समस्याओं का समाधान नहीं होने पर प्रशासन के खिलाफ नाराजगी जाहिर की गई। राजस्वकर्मियों ने कहा कि पुलिस ड्यूटी का परित्याग करने के बावजूद उनसे जबरदस्ती पुलिस का काम कराया जा रहा है। संघ के अध्यक्ष देवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि लंबे समय से जीपीएस, एनपीएस और एसीआर बुक नहीं दिखाई जा रही है। एसीपी की पत्रावलियों का निस्तारण भी समय पर नहीं किया जा रहा है। प्रशासन स्तर पर राजस्वकर्मियों के चिकित्सा प्रतिपूर्ति बिलों का भुगतान नहीं हो रहा है। वेतन आहरण भी समय पर नहीं हो रहा है। इससे पर्वतीय क्षेत्रों में सेवा दे रहे राजस्वकर्मियों को आर्थिक तंगी से गुजरना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि नवनियुक्त राजस्व उपनिरीक्षकों को नियुक्ति के बाद अब तक वेतन नहीं मिला है। बीते एक साल से राजस्वकर्मियों ने पुलिस कार्यों का परित्याग कर दिया है। प्रशासन उनसे जबरदस्ती पुलिस कार्य करा रहा है। इससे उन्हें दोहरे कार्य करने पड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि संसाधनों की कमी से पुलिस के कार्य करने में दिक्कत आती है। इसका खमियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। संघ के सचिव विशाल खत्री ने कहा कि तहसील मुख्यालयों में होने वाली बैठकों के दौरान राजस्व उपनिरीक्षकों और निरीक्षकों को बैठने के लिए पर्याप्त फर्नीचर नहीं है। इससे बैठकों के संचालन में व्यवधान पैदा होता है। उन्होंने कहा कि दुर्गम तहसील में राजस्व उपनिरीक्षकों की नियुक्ति तीन साल के लिए की जानी चाहिए। तीन साल पूर्ण होते ही अन्य तहसील में तबादला किए जाने की व्यवस्था लागू की जानी चाहिए। इस दौरान तहसील क्षेत्र से निलंबित एक राजस्व उप निरीक्षक की बहाली और साहिया की राजस्व पुलिस चौकी को नागरिक पुलिस से वापस दिलाने की मांग की गई। इस दौरान मीनाक्षी, जयलाल शर्मा, अनिल चौहान, अखिलेश, प्रदीप, विनोद भंडारी और दीपक कौशल आदि मौजूद रहे।

