पेयजल के राजकीयकरण की लड़ाई में संविदा, पीटीसी कर्मचारी सब होंगे शामिल

देहरादून(आरएनएस)।  पेयजल के राजकीयकरण की लड़ाई में इस बार नियमित कर्मचारियों के साथ ही संविदा, पीटीसी, उपनल समेत सभी आउटसोर्स कर्मचारी भी शामिल होंगे। ये सभी कर्मचारी 21 जून से शुरू होने वाली हड़ताल में मैनेजमेंट के खिलाफ आवाज बुलंद करेंगे। शुक्रवार को मोर्चा पदाधिकारियों को इन सभी कर्मचारियों की ओर से आंदोलन में सहयोग का आश्वासन दिया गया। मोर्चा संयोजक रमेश बिंजौला ने बताया कि चुनाव आचार संहिता शुरू होने से पहले पेयजल के राजकीयकरण की जो लड़ाई अधूरी छूट गई थी, उसे अब पूरा किया जाएगा। कर्मचारी 11 जून से चरणबद्ध आंदोलन शुरू कर देंगे। 21 जून से पूर्ण कार्यबहिष्कार के साथ हड़ताल शुरू हो जाएगी। इस बार आंदोलन को विस्तृत रूप दिया जाएगा। सभी नियमित कर्मचारियों के साथ ही इस बार आंदोलन में सभी संविदा, दैनिक वेतन, पीटीसी, उपनल समेत सभी आउटसोर्स कर्मचारी भी शामिल होंगे। क्योंकि पेयजल का राजकीयकरण न होने से सभी कर्मचारियों को नुकसान है। संयोजक विजय खाली ने कहा कि पेयजल का राजकीयकरण होने से वेतन, पेंशन भुगतान सुनिश्चित होगा। संविदा, आउटसोर्स कर्मचारियों का भविष्य भी सुरक्षित होगा। इसकी शुरुआत ट्रेजरी से वेतन, पेंशन भुगतान कर की जानी चाहिए। कहा कि मौजूदा समय में शासन की बजाय पेयजल एजेंसियों के मैनेजमेंट रोड़े अटका रहे हैं। ऐसे अफसरों को चिन्हित कर उनके खिलाफ पोल खोल अभियान शुरू किया जाएगा। कहा कि पेयजल का राजकीयकरण होने से अफसरों को अपने निजी स्वार्थ पूरे न होने का डर है। ऐसे अफसरों के खिलाफ आंदोलन शुरू किया जाएगा।