पेड़ टूटने से चार परिवारों के रसोई एवं शौचालय ध्वस्त

रुद्रप्रयाग। केदारनाथ हाईवे पर गंगतल महादेव मंदिर के पास रविवार देर शाम सदियों पुराना वट वृक्ष अचानक जड़ से उखड़ गया। वट वृक्ष के धराशाही होने से मन्दिर के पुजारियों के चार परिवारों के रसोई एवं शौचालय ध्वस्त हो गए। जबकि आवासीय भवन और पौराणिक गंगतल महादेव मंदिर खतरे की जद में आ गए हैं। गनीमत रही पेड़ आवाजाही और सड़क की ओर नहीं गिरा अन्यथा बड़ी क्षति हो सकती थी। मवार सुबह घटना की सूचना मिलते ही राजस्व उपनिरीक्षक ने घटनास्थल पर पहुंचकर नुकसान का जायजा लिया। रुद्रप्रयाग विधायक भरत चौधरी ने भी प्रभावित परिवारों से मिलकर उन्हें सांत्वना देते हुए उचित मुआवजा दिलवाने का भरोसा दिया। उन्होंने एसडीआरएफ को बुलवाकर शीघ्र क्षतिग्रस्त पेड़ को हटाने के निर्देश दिए। साथ ही राजस्व उपनिरीक्षक को नुकसान का आकलन कर शीघ्र ही रिपोर्ट उपजिलाधिकारी तक पहुंचाने के निर्देश दिए। इधर, एसडीआरएफ ने पेड़ को हटाने की कार्यवाही शुरू कर दी। पेड़ गिरने की आवाज सुनते ही वहां स्थित आवासीय भवनों में रह रहे लोग घरों से बाहर निकल गए। पेड़ को उखड़ता देखकर वे सुरक्षित जगहों की ओर भाग गए। इस दौरान गंगतल महादेव मन्दिर के पुजारी सुभाष गोस्वामी, जगदम्बा गोस्वामी, त्रिलोचन गोस्वामी तथा चम्पा देवी के रसोईघर एवं शौचालय क्षतिग्रस्त हो गए। जबकि बिजली तथा पानी की आपूर्ति भी ठप हो गई। प्रभावित सुभाष गोस्वामी एवं जगदम्बा गोस्वामी ने बताया कि वे लोग बरसों से यहां पर रहकर मन्दिर की देखभाल एवं पूजा आदि कार्य करते आ रहे हैं। इनके आवासीय भवन भी मन्दिर के आस पास ही हैं, किंतु अब वट वृक्ष के टूटने से उनके आवासीय भवनों के साथ ही मन्दिर के अस्तित्व पर भी खतरा मंडराने लगा है। उन्होंने पूर्व में राष्ट्रीय राजमार्ग का चौड़ीकरण करने वाली संस्था ग्रेफ पर आरोप लगाया कि उनके बार-बार अनुरोध करने के बाबजूद उस समय इस वट वृक्ष को नहीं हटाया जबकि मन्दिर के आस पास अन्य पीपल एवं वट वृक्षों को जड़ सहित हटाया गया था। यदि उस समय इस वट वृक्ष को भी कार्यदाई संस्था द्वारा हटा कर सुरक्षा दीवार दे दी जाती तो आज यह नुकसान नहीं होता। प्रभावित परिवारों ने शासन प्रशासन से उनके नुकसान का उचित मुआवजा देने की मांग की है।