पटरी पर लौटी चारधाम यात्रा की रफ्तार थमी

ऋषिकेश। 19 अक्तूबर को आपदा के बाद पटरी पर लौटी चारधाम यात्रा ने रफ्तार पकड़ी तो मंदी की मार झेल रहे परिवहन व्यवसायियों के चेहरे खिल उठे। लेकिन एक सप्ताह बाद यात्रा मंद हो गई है। हालत यह है कि बीते चार दिनों से यात्रा के प्रवेशद्वार ऋषिकेश से एक भी बस देवधाम की ओर रवाना नहीं हुई है। चारधाम यात्रा बस टर्मिनल कंपाउंड में सन्नाटे जैसी स्थिति है। बद्रीनाथ धाम के कपाट 20 नवंबर को बंद होने है। ऐसे में स्थानीय परिवहन व्यवसायियों को यात्रा के जोर पकड़ने की उम्मीद जगी। यात्रा में तेजी भी आयी। 26 अक्तूबर तक एक दिन में औसतन 15 से 20 बसें तीर्थयात्रियों का जत्था लेकर चारधाम के लिए रवाना हुईं। लेकिन सप्ताहभर तेजी के बाद अब यात्रा की रफ्तार थमने से तीर्थनगरी ऋषिकेश के परिवहन व्यवसायियों में मायूसी छाने लगी है। परिवहन व्यवसायी यशपाल राणा, योगेश उनियाल, बृजेश उनियाल ने बताया कि उम्मीद थी कि 20 नवंबर तक यात्रा चरम पर पहुंचेगी। पिछले डेढ़ साल से स्थगित चल यात्रा से हुए नुकसान से परिवहन व्यवसाय मंदी से उबरेगा। लेकिन यात्रा की रफ्तार मंद पड़ गई है। सूत्रों के मुताबिक हरिद्वार से बड़ी संख्या में यात्री चारधाम के लिए जा रहे हैं। इसकी वजह पहले ऋषिकेश में फोटोमीट्रिक पंजीकरण के चलते यात्री ऋषिकेश आते थे। लेकिन, यह व्यवस्था बंद होने से यात्री अब ऋषिकेश को बाइपास कर सीधे आस्थापथ की ओर बढ़ जाते हैं।