पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला : सीबीआई ने कोर्ट से कहा, 21 हजार अभ्यर्थियों की अवैध भर्ती हुई

कोलकाता (आरएनएस)। पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच कर रहे केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के उप महानिरीक्षक और विशेष जांच दल (एसआईटी) के नवनियुक्त प्रमुख अश्विन सेनवी ने सोमवार को कलकत्ता हाईकोर्ट को बताया कि पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (डब्ल्यूबीएसएससी) की सभी श्रेणियों में कुल 21,000 उम्मीदवारों की अवैध रूप से भर्ती की गई और 9,000 से अधिक ऑप्टिकल मार्क रिकॉग्निशन (ओएमआर) शीट से छेड़छाड़ की गई। उन्होंने अदालत को यह भी बताया कि भर्ती के मुख्य पैनल से लेकर प्रतीक्षा सूची तक भ्रष्टाचार के सबूत हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि नवंबर 2021 में रैंक-जंपिंग के आरोपों के आधार पर जांच शुरू हुई।
सेनवी ने कहा, लेकिन हार्ड डिस्क की बरामदगी के साथ ओएमआर शीट से छेड़छाड़ का मामला सामने आया है।
एसआईटी प्रमुख की दलील पर प्रतिक्रिया देते हुए न्यायमूर्ति बिस्वजीत बसु ने उनसे कहा कि मामले की जांच पूरी करने के लिए अदालत उन्हें पूरा सहयोग देने के लिए तैयार है।
जस्टिस बसु ने कहा, आपको जो भी मदद चाहिए, अदालत को सूचित कीजिए, जो हर संभव सहयोग देने के लिए तैयार है। भ्रष्टाचार के इस मुद्दे पर जांच को अंत तक पहुंचाने की जरूरत है। इस तरह के भ्रष्ट आचरण में शामिल लोगों में से किसी को भी बख्शा नहीं जाना चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा कि भ्रष्टाचार के इस मामले की जांच काफी आगे बढ़ चुकी है और अब ऐसा लगता है कि यह अपने लक्ष्य के करीब है।
न्यायमूर्ति बसु ने कहा, योग्य उम्मीदवार, जिन्हें अवैध रूप से नियुक्तियों से वंचित किया गया था, वे डब्ल्यूबीएसएससी और सीबीआई की ओर से कार्रवाई का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। वे नियुक्ति पत्र चाहते हैं।
नवंबर में हरियाणा कैडर के 2006 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी सेनवी ने कलकत्ता हाईकोर्ट की खंडपीठ के एक आदेश के बाद पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच करने वाली एसआईटी के प्रमुख के रूप में पदभार संभाला।
साथ ही, न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने उस उद्देश्य के लिए गठित एसआईटी का भी पुनर्गठन किया, जिसमें कुछ अधिकारियों की जगह टीम के कर्मचारियों की संख्या में वृद्धि की गई। इससे पहले जस्टिस गंगोपाध्याय ने भी एसआईटी के कुछ सदस्यों के प्रदर्शन पर नाराजगी जताई थी।


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