पर्यावरणविद् सुंदरलाल बहुगुणा का निधन, ऋषिकेश के पूर्णानंद घाट पर किया गया अंतिम संस्कार
ऋषिकेश। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं प्रसिद्ध पर्यावरणविद् सुंदरलाल बहुगुणा का 94 वर्ष की आयु में शुक्रवार को एम्स ऋषिकेश में निधन हो गया। शुक्रवार दोपहर करीब 12 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। उनका अंतिम संस्कार ऋषिकेश के मुनिकीरेती पूर्णानंद घाट पर राजकीय सम्मान के साथ किया गया। उनके बड़े बेटे राजीव नयन बहुगुणा ने उन्हें मुखाग्नि दी। ऋषिकेश एम्स के जनसंपर्क अधिकारी हरीश मोहन थपलियाल ने बताया कि पर्यावरणविद् सुंदरलाल बहुगुणा को गत 8 मई को कोरोना संक्रमित होने पर एम्स में भर्ती किया गया। 9 मई को उन्हें एम्स के आईसीयू में लाइफ सपोर्ट में रखा गया था। उनके रक्त में ऑक्सीजन का स्तर गुरुवार शाम से गिरने लगा था। शुक्रवार की दोपहर करीब 12 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। उस समय उनके पुत्र राजीव नयन बहुगुणा एम्स में ही मौजूद थे।वह डायबिटीज व हाईपरटेंशन के पेशेंट थे और उन्हें कोविड निमोनिया की शिकायत भी थी। बहुगुणा का अंतिम संस्कार मुनिकीरेती स्थित पूर्णानंद गंगा तट पर शुक्रवार शाम 4 बजे पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया। पर्यावरणविद् सुंदरलाल बहुगुणा अपने पीछे पत्नी विमला बहुगुणा, बेटे राजीव नयन बहुगुणा, प्रदीप बहुगुणा बेटी मधु पाठक समेत भराभूरा परिवार छोड़ गये हैं। एम्स निदेशक प्रोफेसर रविकांत ने उनके निधन को उत्तराखंड ही नहीं, बल्कि पूरे देश की अपूरणीय क्षति बताया है। राजीव नयन बहुगुणा ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, उत्तराखंड के सीएम तीरथ सिंह रावत ने भी निधन पर शोक जताया।
अंतिम संस्कार में यह रहे मौजूद – परमार्थ निकेतन के स्वामी चिदानंद मुनि महाराज,पूर्व सीएम हरीश रावत, विस अध्यक्ष प्रेमचन्द अग्रवाल,दामाद डा.बीसी पाठक, ऋषिकेश मेयर अनिता ममगाईं, डीएम देहरादून आशीष श्रीवास्तव, एसएसपी दून डा.योगेन्द्र सिंह रावत, राजपाल खरोला, जयेन्द्र रमोला, मनोज द्विवेदी, एसडीएम ऋषिकेश वरुण चौधरी,एसडीएम नरेन्द्रनगर युक्ता मिश्रा, सीओ रविन्द्र चमोली, सीओ डीसी ढौंडियाल,बचन पोखरियाल आदि मौजूद थे।
नम आंखों से पति को दी अंतिम विदाई
पर्यावरणविद् सुंदरलाल बहुगुणा की पत्नी कठिन समय में हरपल उनके साथ रही। दोनों के कोरोना संक्रमित होने पर एम्स प्रशासन ने पति-पत्नी को एक कक्ष उपलब्ध कराया था। संक्रमित होने के बावजूद विमला बहुगुणा पति सुंदरलाल बहुगुणा के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित रहती थीं। वह डॉक्टरों से अपने बजाय पति के स्वास्थ्य को लेकर ही सवाल पूछती थी। ऋषिकेश पूर्णानंद घाट पर अंतिम संस्कार में भी विमला बहुगुणा ने घाट पर पहुंचकर नम आंखों से पति सुंदरलाल बहुगुणा को अंतिम विदाई दी। पर्यावरणविद् सुंदरलाल बहुगुणा के साथ उनकी पत्नी विमला बहुगुणा 89 वर्ष भी कोरोना संक्रमित हो गई थी। शुक्रवार को विमला बहुगुणा पूर्णानंद घाट पर पहुंच गई। वह पीपीई किट पहनकर व्हीलचेयर से घाट पर पहुंची। जिसे देखकर घाट पर मौजूद लोग आश्चर्य में पड़ गए। करीब 15 मिनट पर सुंदरलाल बहुगुणा का पार्थिव शरीर घाट पर लाया गया। जहां नम आंखों से विमला बहुगुणा ने पति सुंदरलाल बहुगुणा को अंतिम विदाई दी। 8 मई को एम्स पहुंचने पर सुंदरलाल बहुगुणा को सामान्य कक्ष आंविटत किया गया। लेकिन ऑक्सीजन लेबल कम होने पर 9 मई को उन्हें आईसीयू में वीआईपी कक्ष उपलब्ध करवा दिया गया। इस दौरान एम्स प्रशासन ने पत्नी विमला बहुगुणा को दूसरा कक्ष दे दिया। लेकिन विमला बहुगुणा ने पति के साथ ही रहने की इच्छा जताई। पर्यावरणविद् की हालत बिगड़ते ही वह कक्ष में लगे फोन से सीधे डॉक्टर को जानकारी देती थी। एम्स के पीआरओ हरीश थपलियाल बताते है कि स्वयं कोरोना संक्रमित होने के बावजूद विमला बहुगुणा कभी भी अपने स्वास्थ्य को लेकर चिंतित नहीं दिखी। वह हमेशा पति सुंदरलाल बहुगुणा के स्वास्थ्य को लेकर ही डॉक्टर से सवाल करती थी। लगभग दो सप्ताह तक दोनों एम्स में रहे। विमला बहुगुणा भी कोरोना संक्रमित हैं। उन्हें हल्की खांसी की शिकायत है। लेकिन उनका ऑक्सीजन लेबल सामान्य है। विमला बहुगुणा की कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आने पर ही उन्हें डिस्चार्ज किया जाएगा।