परिवहन निगम की आय पर ग्रहण बना कोरोना

चम्पावत। कोरोना महामारी ने परिवहन निगम की आय पर ग्रहण लगा दिया है। बढ़ते संक्रमण से जहां यात्री घबराकर सफर करने से कतरा रहे हैं तो वहीं 50 प्रतिशत यात्रियों के साथ बसों के संचालन किए जाने से परिवहन निगम को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है। यही वजह है कि निगम को प्रतिदिन चार से आठ लाख रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है। परिवहन निगम के टनकपुर रीजन में लोहाघाट व पिथौरागढ़ डिपो शामिल है। लोहाघाट डिपो में 37 तो वहीं पिथौरागढ़ डिपो में 78 बसें है। कोरोना महामारी ने इन डिपों की अधिकतर बसों के पहिए जाम कर दिए हैं। इससे निगम को प्रतिदिन लाखों रुपये का नुकसान हो रहा है। लोहाघाट डिपो की बात करें तो बेड़े में शामिल 37 बसों में मात्र सात से आठ बसें चल रही हैं। इसमें दिल्ली, देहरादून, बरेली, हल्द्वानी व काशीपुर रूट पर एक या दो बस चल रही है। वहीं पिथौरागढ़ डिपो में शामिल 78 बसों में भी छह सात बस ही संचालित है। इसमें टनकपुर तीन, हल्द्वानी, धारचुला, मुनस्यारी पर एक-एक बस चल रही है।
इन बसों से होनी वाली आय से निगम को तेल खर्च निकालना मुश्किल हो रहा है। ऐसे में कर्मचारियों को वेतन कैसे मिलेगा। बात आय की करें तो लोहाघाट डिपो 37 बसों से प्रतिदिन पांच से 5.30 लाख की इनकम करता है लेकिन कोरोना महामारी व 50 प्रतिशत सवारी की अनुमति के चलते निगम प्रतिदिन 1 से 1.15 लाख की ही इनकम कर रहा है। वहीं पिथौरागढ़ डिपो 78 बसों से करीब 10.50 लाख की आय करता है जो अब वर्तमान में घटकर 1.50 लाख पर पहुंच गई है। इस आय तो संचालित बसों का तेल का खर्च भी निकल पा रहा है।
चार माह से कर्मचारियों को नहीं मिला वेतन: कोरोना महामारी से गत वर्ष हुए नुकसान से परिवहन निगम आज तक नहीं उबर पाया है। जिस कारण निगम में तैनात कर्मचारियों व अधिकारियों को विगत चार साल से वेतन नहीं मिल सका। कर्मचारी भूखे प्यासे नौकरी करने को मजबूर हैं। एआरएम नरेंद्र गौतम ने बताया कि कोरोना महामारी से निगम को काफी नुकसान हो रहा है। प्रतिदिन चार से 4.15 लाख की आय प्रभावित हो रही है। सवारियां भी नियत होने के तहत कई रूटों पर बसों का संचालन बंद किया गया है। जिससे लोगों को काफी परेशानी हो रही है।

Powered by myUpchar

error: Share this page as it is...!!!!
Exit mobile version