पारंपरिक नुणाई मेला मनाया
विकासनगर। जौनसार बावर के खत बोंदुर क्षेत्र के मानथात में हर वर्ष अगस्त के शुरू में डांडों से सकुशल अपने घर पहुंचे भेड़ बकरी पालकों के स्वागत में रविवार पारंपरिक नुणाई मेला मनाया गया। इसी के साथ नुणाई पर्व की समाप्ति हुई। रविवार को कांडोई स्थित शिलगुर महाराज के मंदिर में परंपरा के अनुसार सेरवा रोट चढ़ाने के साथ मेले का आगाज हुआ। मंदिर के पुजारी ने देवता की पूजा अर्चना कर मेले की शुरुआत की जिसके बाद सैकड़ों लोगों ने ईश्वर के दर्शन कर मन्नतें मांगी। मानथात में खत बोंदुर से जुड़े 24 से ज्यादा गांवों के लोग मेले में एकत्र हुए। सुबह पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ लोग मेले में पहुंचे और झेंता तांदी रासो आदि नृत्य कर पशुपालकों के सकुशल लौट आने पर खुशियां मनाई। लोक परंपरा के अनुसार नुणाई मेले के दिन रविवार को कांडोई स्थित शिलगुर मंदिर में 21 तरीके के अनाज से बनी सेरवा रोट देवता को अर्पित किया जाता है। स्थानीय बाशिंदे सुनील नौटियाल, खत स्याणा रजनीश पंवार, राजपाल रावत, सूरत सिंह, गीताराम गौड़, क्षेपं सदस्य सौरभ राणा, बाबूराम शर्मा, बचना शर्मा, विजयपाल सिंह आदि का कहना है कि पशुपालकों और क्षेत्र की खुशी के प्रतीक नुणाई मेले का जश्न मनाने के लिए सैकड़ों ग्रामीण जुटते हैं। यह परंपरा सदियों से चलती आ रही है। हर वर्ष बड़ी संख्या में लोग एकत्रित होकर मेले में नाच गाकर खुशियां बांटते हैं।