सहकारी बैंकों के फंसे 166 करोड़ वसूली को चलेगा अभियान

देहरादून। सहकारी बैंकों के डूब चुके 166 करोड़ से अधिक के बकाया वसूली को अभियान शुरू होगी। एकबार फिर वन टाइम सेटेलमेंट योजना के तहत बकाया वसूला जाएगा। इस दौरान लोग मूल धन जमा करा कर अपने लोन से जुड़े मामले निपटा सकते हैं। सहकारिता विभाग की समीक्षा करते हुए सहकारिता मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि 10 फरवरी से 15 मार्च तक ओटीएस योजना चलाई जाएगी। ताकि एनपीए हुआ पैसा वापस आ सके। कहा कि यह अंतिम एकमुश्त जमा समाधान योजना होगी। राज्य सहकारी बैंक के एमडी नीरज बेलवाल ने बताया कि बैंक का 166 करोड़ रुपए एनपीए का फंसा हुआ है। इसकी वसूली को दो केस दर्ज कराए जा चुके हैं। एक दर्जन से वसूली के नोटिस डीएम स्तर से जारी होने हैं। पिछले साल 14 करोड़ रुपए एनपीए की वसूली बैंकों ने की।
कहा कि हर जिले से दो किसान, चार अधिकारी देश भ्रमण पर जाएंगे। उत्कृष्ट किसानों का चयन किया जाएगा। किसान अध्ययन रिपोर्ट भी सौंपेंगे। इसके लिए नाबार्ड ने दो करोड़ रुपए मंजूर किए हैं। 15 फरवरी से 15 मार्च के बीच में मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना जिलों में लांच की जाएगी। गरीब छात्रों को अगले सत्र से सिविल सर्विस और एनडीए की निशुल्क कोचिंग दी जाएगी। अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि 15 फरवरी से पहले 670 सहकारी समितियों का कम्प्यूटरीकरण किया जाए।
कहा कि प्रदेश में 1200 वित्तीय साक्षरता जागरूकता गोष्ठी का आयोजन किया जाएगा। नुक्कड़ नाटक आयोजित होंगे। जिला सहकारी बैंक, राज्य सहकारी बैंक की हर शाखा चार चार गोष्ठियां आयोजित करेंगी। नाबार्ड बैंकों को प्रति गोष्टी ₹6000 रुपये देगा।
सहकारिता मंत्री ने कहा विभाग की नई नियमावली जल्द बनाई जाए। देहरादून सिंघनीवाला में सहकारिता और कॉपरेटिव बैंक का ट्रेनिंग सेंटर तैयार किया जाए। सहकारी बैंकों में आईबीपीएस के माध्यम से नियुक्तियां कराई जाएं।
बैठक में सीजीएम नाबार्ड वीके बिष्ट, रजिस्ट्रार आलोक पांडे, अपर निबंधक ईरा उप्रेती, आनंद शुक्ल, नीरज बेलवाल, एमपी त्रिपाठी, रामिन्द्री मंद्रवाल, मान सिंह सैनी, नरेंद्र सिंह रावत, मनोहर सिंह मार्तोलिया, भूपेंद्र कुमावत मौजूद रहे।


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