पंचकर्म की डिग्री पर एलोपैथी से इलाज, क्लीनिक सील
रुडक़ी। एसडीएम ने सीएचसी अधीक्षक के साथ बहादरपुर खादर में डॉक्टर के क्लीनिक पर छापेमारी की। छापेमारी में पंचकर्म चिकित्सा का डिप्लोमा धारी डॉक्टर एलोपैथी से इलाज करता मिला। उसके क्लीनिक में भारी मात्रा में अंग्रेजी दवाएं भी मिली हैं। टीम ने क्लीनिक सील कर डॉक्टर को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। गत दिवस बहादरपुर खादर के व्यक्ति ने एसडीएम से मिलकर शिकायत की थी कि गांव में एक प्राइवेट डॉक्टर का क्लीनिक है। उक्त डॉक्टर द्वारा क्लीनिक का बायोमेडिकल वेस्ट गांव से सटे तालाब में डाला गया है। इससे तालाब की हजारों मछलियां मर गई हैं। शिकायत को गंभीरता से लेते हुए एसडीएम शैलेंद्र सिंह नेगी ने बुधवार को सीएचसी अधीक्षक डॉ. अनिल वर्मा के साथ पहले तालाब पहुंचकर निरीक्षण किया, तो वहां काफी मछलियां मरी हुई मिली। इसके बाद उन्होंने कथित डॉक्टर के क्लीनिक पर पहुंचे और जांच शुरू की। डॉक्टर के दस्तावेज देखे गए तो पता चला कि डॉक्टर के पास पंचकर्म चिकित्सा पद्धति का डिप्लोमा है, जबकि उसके द्वारा एलोपैथी (अंग्रेजी) पद्धति से इलाज किया जा रहा था। टीम को उनके क्लिनिक पर भारी मात्रा में अंग्रेजी एंटीबायोटिक व दूसरी दवाएं भी रखी मिली। पूछताछ में डॉक्टर ने तालाब में बायोमेडिकल वेस्ट डाले जाने की बात स्वीकार की। इसके बाद टीम ने डॉक्टर के क्लीनिक को सील कर दिया। सीएचसी अधीक्षक डॉ. वर्मा ने बताया कि डॉक्टर के पास अंग्रेजी चिकित्सा संबंधी कोई डिग्री नहीं थी। इसलिए क्लिनिक को सील किया गया है। डॉक्टर को कारण बताओ नोटिस देकर जवाब तलब किया गया है। संतोषजनक जवाब न मिलने पर एफआईआर की कार्रवाई की जाएगी।