पालिका में शामिल किए जाने के विरोध में जनप्रतिनिधियों, ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन

अल्मोड़ा। अल्मोड़ा नगरपालिका के समीप के गांवों को पालिका में मिलाए जाने का विरोध बढ़ता जा रहा है। परिसीमन के विरोध में सोमवार को चौघानपाटा स्थित गांधी पार्क में 25 गावों के जनप्रतिनिधियों ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। उन्होंने साफ कहा कि किसी भी हाल में वह गांवों को नगर पालिका में नहीं मिलने देंगे। वक्ताओं ने कहा कि सरकार युवाओं को रोजगार नहीं दे पा रही है। ऊपर से गांवों में पंचायत के माध्यम से जो रोजगार मिल रहा है सरकार उसे भी छीनना चाह रही है। इसे किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। वक्ताओं ने कहा कि सरकार गाँवों को पालिका में मिलाकर ग्रामीणों की आजीविका समाप्त करने का प्रयास कर रही है। पालिका में शामिल होने से सीमित आय वाले ग्रामीणों पर करों का बोझ डाल दिया जाएगा जिसे ग्रामीण कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे। पालिका के क्षेत्र में खुद ही स्थिति खस्ताहाल है कहीं रास्ते ख़राब हैं, कहीं पथ प्रकाश की व्यवस्था नहीं हैं सीवर, ड्रेनेज की व्यवस्था नहीं है। पिछली बार पालिका में शामिल किए ग्रामीण क्षेत्रों की स्थिति वर्तमान में और ख़राब हो गई है। पंचायत प्रतिनिधि गाँवों की स्थिति को भली भांति समझते हैं और ग्रामीणों को होने वाले नुकसान से परिचित हैं, इसीलिए वे पालिका में शामिल होने के पक्षधर नहीं हैं। जनप्रतिनिधियों ने कहा कि अब भी सरकार नहीं चेती तो आगामी 12 अगस्त को ग्रामीण सड़क पर उतरकर रैली व प्रदर्शन करेंगे और उसके बाद आंदोलन को बड़ा रूप दिया जाएगा। यहाँ जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने सरकार के विरोध में नारेबाजी भी की। धरना प्रदर्शन में प्रधान संगठन जिलाध्यक्ष धीरेंद्र गैलाकोटी, पूर्व प्रधान संगठन अध्यक्ष हरीश कनवाल, देवेंद्र सिंह बिष्ट, किशन सिंह बिष्ट, मनोज जोशी, हिमांशु भंडारी, विपिन बिष्ट, हरीश रावत, मनोज लटवाल, राजेंद्र सिंह, नवीन बिष्ट, गोपाल सिंह बिष्ट, देव सिंह भोजक समेत बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।