एनएसयूआई के पूर्व जिलाध्यक्ष तरुण को अग्रिम जमानत मिली

नैनीताल। हाईकोर्ट ने दुष्कर्म के मामले में आरोपी एनएसयूआई के पूर्व जिलाध्यक्ष तरुण शाह को अग्रिम जमानत दे दी है। गुरुवार को मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि महिला द्वारा तरुण शाह पर झूठे आरोप लगाए गए हैं, जो आईपीसी की धारा अनुच्छेद 376 के अंतर्गत आते ही नहीं हैं। पीड़िता ने ये आरोप 2018 से लगाए थे। चार साल बीत जाने के बाद अब उनके खिलाफ दुष्कर्म करने का आरोप लगाया गया है, जो गलत है। ये दोनों शादीशुदा हैं, षड्यंत्र के तहत उन्हें बदनाम करने की नीयत से फंसाया जा रहा है। सुनवाई न्यायमूर्ति रविन्द्र मैठाणी की एकलपीठ में हुई। वर्ष 2013-2014 में एनएसयूआई नैनीताल जिलाध्यक्ष रह चुके तरुण शाह के खिलाफ एक महिला ने मुखानी थाना में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसमें आरोप लगाया था कि तरुण ने 2018 में उससे अवैध संबंध बनाए। उसके पति की बीमारी का फायदा उठाकर उसके साथ जबरदस्ती की। वह उसके घर आकर अवैध संबंध बनाता था। वह लोकलाज का हवाला देकर उसे चुप कराता रहा और बार-बार धमकी देकर शारीरिक शोषण करता रहा। 2019 में महिला ने एक बच्चे को जन्म दिया। महिला के अनुसार वह बच्चा भी तरुण का है। आरोपी के पास पिस्तौल भी है, जिससे उसे ए‌वं उसके परिवार को खतरा है।

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