हिमाचल में अब पहली बार पढ़ाई के साथ कमाई भी कर सकेंगे छात्र

-अक्षम परिवारों के छात्रों को एक सहायता प्रणाली प्रदान करेंगे : उप कुलपति
आरएनएस सोलन(बद्दी) :
 बद्दी विश्वविद्यालय में पढऩे वाले छात्र अब और ज्यादा कौशल से परिपूर्ण होंगे और वह पढ़ाई के साथ-साथ कमाई भी कर सकेंगे। बद्दी विवि के छात्रों को पढाई के दौरान ही अब बी.बी.एन व प्रांत के प्रमुख उद्योगों में समायोजित कर दिया जाएगा और वहां पर वह उद्योग की जरुरत के अनुसार काम करेगा। इस दौरान संबधित कंपनी या उद्योग छात्रों को ट्रेनिंग के दौरान 7500 से लेकर 12000 रुपये तक का प्रशिक्षण भत्ता भी देगा और बददी विवि ने इसी योजना को अर्न वाईल लर्न (पढ़ाई के दौरान कमाई) का नाम दिया है।
 आज बद्दी में पत्रकारों को संबोधित करते हुए बददी विश्वविद्यालय के उप कुलपित जे.के शर्मा व सहायक निदेशक विपणन जगदीश बादल तथा तकनीकी सलाहकर राजेंद्र गुलेरिया ने कहा कि 19 साल की उत्कृष्टता के साथ बददी यूनिवर्सिटी आफ इमर्जिंग साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी , शिक्षण , अनुसन्धान और ज्ञान हस्तांतरण में प्रमुखता प्राप्त करने और क्षेत्र व् देश के सामाजिक आर्थिक विकास में बहुमूल्य योगदान देने का प्रयास कर रहा है। बद्दी विश्वविद्यालय, हिमाचल प्रदेश के बददी में स्थित होने के कारण जो की भारत का विषम औद्योगिक केंद्र और एशिया का सबसे विशाल फार्मास्यूटिकल हब है, नौकरी प्रशिक्षण , लाइव प्रोजेक्ट, अतिथि व्याख्यान, पाठ्यक्रम के डिजाईन और औद्योगिक यात्राओं के लिए उद्योगों का प्रतिनिधित्व करता है और रोजगार के विभिन्न प्रकार के अवसर प्रदान करवाता  है।  शिक्षा के क्षेत्र में न केवल एक कर्तव्य के रूप में , बल्कि समाज की उन्नति के प्रतिबद्धता के रूप में बद्दी विश्वविद्यालय इंजीनियरिंग , फार्मेसी ,प्रबंधन , अनुप्रयुक्त विज्ञान , फिजियोथेरेपी , नर्सिंग और कृषि में डिग्री प्रदान करवाता है। इसके अलावा उद्योग की जनशक्ति की जरूरत को पूरा करने के लिए, एक प्रोत्साहन प्रदान करने और शिक्षा , छात्रों और उद्योग के लिए संपर्क बनाने के उद्देश्य से, बद्दी विश्वविद्यालय एक  एकेडमिक एडॉप्शन कार्यक्रम की शुरुआत करने जा रहा है जो की हिमाचल प्रदेश में इस प्रकार का पहला कदम है।
 जिसके अंतर्गत मैकेनिकल और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में  अध्ययन के दौरान छात्रों को उद्योग में अकादमिक प्रदर्शन के साथ  साथ व्यावहारिक अनुभव प्रदान करेगा।  कार्यक्रम के तहत उद्योग पाठ्यक्रम के दूसरे वर्ष से छात्रों  को रोजगार देगा।  छात्र माह में 15  दिन उद्योग में कार्यरत रहेंगे , जिसके लिए उन्हें दत्तक ग्रहण करने वाली कंपनी के लिए किये गए कार्य और वेतनमान के आधार पर 7500  रुपये से 12000  रुपये तक का वजीफा भी दिया जायेगा।  यह अर्न वाइल यू लर्न कार्यक्रम आर्थिक रूप से अक्षम परिवारों के छात्रों को एक सहायता प्रणाली प्रदान करेंगे।
 विश्वविद्यालय का उद्देश्य पाठ्यक्रम पूरा होने के पश्चात छात्रों को अडॉप्ट की गई कंपनी में ही एक उपयुक्त लाभकारी रोजगार प्राप्त करवाना है और यह कार्यक्रम छात्रों को उनकी डिग्री पूर्ण करने के साथ साथ कौशल विकास का अवसर भी प्रदान करेगी।  प्रेस वार्ता उप कुलपति डा. जे के शर्मा, रजिस्ट्रार डा. खुशमीत कुमार, निदेशक टीपीओ गुलशन संधू, तकनीकी हैड राजेंद्र गुलेरिया, निदेशक एडमिशन रविनिश मिश्रा व सहायक निदेशक विपणन जगदीश बादल ने भी अपने विचार रखे।

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