नवरात्रि के चौथे दिन हुई माँ कूष्मांडा की पूजा-अर्चना

विकासनगर। शारदीय नवरात्रि के चौथे दिन पछुवादून में भक्तों ने माता के चौथे स्वरूप कूष्मांडा की पूजा अर्चना कर परिवार की खुशहाली की मन्नतें मांगी। माता के मंदिरों में सुबह से भजन, कीर्तन का दौर चलता रहा। घरों में भक्तों ने दुर्गा सप्तशती के चौथे अध्याय का पाठ किया। गुरुवार को काली माता मंदिर कालसी, डाकपत्थर, भोजावाला, काली माता मंदिर अस्पताल रोड हरबर्टपुर, सहसपुर, सेलाकुई, झाझरा स्थित देवी मंदिरों और घरों में माता के भक्तों सप्तसती का पाठ कर देवी मां का गुणगान किया। भक्तों ने माता के भजन गाकर कूष्मांडा का आशीर्वाद लिया। बताया कि मां कूष्मांडा भक्तों को सिखाती है कि परिस्थिति कोई भी हो, किंतु हमें उनसे विचलित होने की बजाय हंसते हुए जीना चाहिए, तभी हम उन पर विजय पा सकते हैं। मां कूष्मांडा के बारे में मान्यता है कि वे अपनी हंसी से ब्रह्मांड को उत्पन्न करती हैं। जिसका मर्म है कि प्रसन्न और शांतचित्त रहने से ही हमारे भीतर सृजनात्मक शक्ति प्रबल होती है। मां कूष्मांडा का ध्यान हमारे भीतर की जीवनी शक्ति को बढ़ाता है।