नवजोत सिंह सिद्धू को बनाया जा सकता है पंजाब का उपमुख्यमंत्री!

कांग्रेस ने चुनावों के लिए बनाई अहम रणनीति

चंडीगढ़ (आरएनएस)। कांग्रेस के दिग्गज नेता और अमरिंदर सिंह सरकार में मंत्री रहे नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब का उपमुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह बुधवार को नवजोत सिंह सिद्धू के साथ लंच करने वाले हैं। इस मुलाकात को लेकर सियासी गलियारों में अटकलें तेज हैं कि सिद्धू को अहम जिम्मेदारी देकर कांग्रेस पंजाब के असंतुष्ट नेताओं को शांत किया जा सकता है।
उपमुख्यमंत्री के तौर पर नवजोत सिंह सिद्धू कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ मिलकर अच्छा काम करेंगे। पंजाब में अमरिंदर सिंह कांग्रेस के चेहरे होंगे क्योंकि पार्टी प्रदेश इकाई में चुनाव से पहले कोई भी अशांति नहीं चाहती है।
कांग्रेस की नईयां होगी पार
प्राप्त जानकारी के मुताबिक अमरिंदर सिंह सरकार के सिद्धू जब अलग हुए थे तभी से कांग्रेस पदाधिकारी नवजोत सिंह सिद्धू को मनाने में लगे हुए हैं। इसके अलावा सिद्धू के पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी के साथ बेहतर संबंध हैं और माना जा रहा है कि सिद्धू ही एकमात्र कड़ी हैं जिन्हें बड़ा पद देकर प्रदेश में पार्टी के भीतर की अस्थिरता को समाप्त किया जा सकता है।
एक और प्रदेश नहीं गंवाना चाहेगी कांग्रेस
मध्य प्रदेश में जो कुछ भी हुआ उसको देखने के बाद तो कांग्रेस एक और प्रदेश गंवाने की स्थिति में नहीं है। हालांकि राजस्थान में भी सरकार गिरते-गिरते बची थी। पंजाब में ऐसी स्थिति तो नहीं है लेकिन आने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का वोट बैंक कहीं प्रभावित न हो जाए इसको लेकर पार्टी चितिंत है। ऐसे में वह सिद्धू को उपमुख्यमंत्री बनाकर प्रदेश की स्थित को बेहतर करने की कोशिश करेंगे।
सिद्धू के जाने का डर !
राहुल गांधी के सबसे खास मित्रों में शामिल ज्योतिरादित्य सिंधिया पार्टी में अनदेखी होने के चलते कांग्रेस का साथ छोडक़र अपनी दादी और बुआ की पार्टी भाजपा में शामिल हो गए। जिसके चलते कांग्रेस की कमलनाथ के नेतृत्व वाली मध्य प्रदेश सरकार गिर गई। ऐसे में पार्टी दोबारा इस गलती को नहीं दोहराना चाहती है क्योंकि सिद्धू अगर किसी प्रतिद्वंद्वी के साथ गठजोड़ करते हैं या फिर शामिल हो जाते हैं तो वह कांग्रेस को बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचा सकते हैं।
कहा यह भी जा रहा है कि पंजाब की दूसरी बड़ी पार्टियों की कोशिश रहेगी कि किसान आंदोलन की वजह से उनकी छवि को जो नुकसान पहुंचा है उसे वह सिद्धू को अपनी पार्टी में शामिल कराकर कुछ हद तक कम कर सकें और यह संदेश दे सकें कि कांग्रेस जो कुछ कर रही है वह सही नहीं है। आपको बता दें कि पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने सिद्धू को धुंआधार स्टार प्रचारकों की लिस्ट में शामिल किया है।