नंदानगर के धुर्मा में अतिवृष्टि से भारी नुकसान, ग्रामीणों ने भागकर बचाई जान

चमोली(आरएनएस)। चमोली जिले के नंदानगर प्रखंड के धुर्मा गांव के ऊपर अतिवृष्टि से भारी नुकसान हुआ है। मंगलवार तड़के हुई इस घटना में ग्रामीणों ने किसी तरह भागकर जान बचाई। वहीं, अतिवृष्टि से धुर्मा गांव और मोख मल्ला के बगड़ तोक के करीब 16 परिवारों के आवासीय मकानों के ऊपर मलबा आ गया है। साथ ही ग्रामीणों की सैकड़ों नाली कृषि भूमि बर्बाद हो गई है। वहीं, मोक्ष नदी भी उफान पर है, जिससे नदी के तटबंध टूट गए हैं। वहीं, प्रभावित ग्रामीणों को जिला प्रशासन ने क्षेत्र के सरकारी स्कूल, पीएचसी और पंचायत घर में शिफ्ट कराया गया है। मंगलवार तड़के करीब 4.30 बजे पर धुर्मा गांव के ऊपर अतिवृष्टि से भारी भूस्खलन हुआ। इसकी जद में आए मोख मल्ला के बगड़ तोक के आवासीय मकान भी आए। घरों में सो रहे ग्रामीणों ने भनक लगते ही किसी तरह जान बचाई। कुछ लोग घरों में ही दुबक गए। कुछ देर बाद उजाला हुआ तो ग्रामीणों ने राहत की सांस ली। अतिवृष्टि की सूचना मिलने पर जिलाधिकारी डॉ. संदीप तिवारी के निर्देश पर नायब तहसीलदार राकेश देवली के नेतृत्व में राजस्व विभाग की टीम प्रभावित इलाकों में पहुंची और अतिवृष्टि से हुए नुकसान का जायजा लिया। मोख मल्ला बगड़ में आपदा प्रभावितों से नायब तहसीलदार ने जानकारी ली। मोख मल्ला के बगड़ तोक और अन्य प्रभावित परिवार के लोगों को मोख इंटर कॉलेज, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र और पंचायत भवन में शिफ्ट किया गया है। नायब तहसील राकेश देवली ने बताया अतिवृष्टि और भूस्खलन से मोख मल्ला बगड़ तोक के 11 और धुर्मा के पांच परिवार अतिवृष्टि और भूस्खलन की जद में आए हैं। प्रभावित परिवारों को इंटर कॉलेज, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र और पंचायत घर में शिफ्ट किया गया है।
सेरा गांव का घराट बहा, मकानों को खतरा वहीं, अतिवृष्टि से नन्दानगर के सेरा गांव को भी भारी खतरा उत्पन्न हो गया है। मोक्ष नदी के तटबंध टूट जाने से सेरा गांव में भारी नुकसान हुआ है। स्थानीय निवासी महिपाल सिंह ने बताया घटना में उनका घराट बह गया। आवासीय भवन के पास कटाव हो गया है। अवतार सिंह के आवास को भी नुकसान हुआ है। प्रभावित गांवों की कई नाली कृषि भूमि बह गई है। गांवों की सड़क और सम्पर्क मार्ग टूट गए हैं। प्रशासन अभी तक पीड़ितों तक नहीं पहुंच पाया है। सेरा से ऊपर कितना नुकसान हुआ है, इसका अभी पता नहीं चल पाया है। गौरतलब है कि दो वर्ष पूर्व 2023 में भी इसी तरह अतिवृष्टि हुई थी, जिसमें भारी नुकसान हुआ था।