मुनिकीरेती में नो-एंट्री पर भड़के ई-रिक्शा और ऑटो चालक

ऋषिकेश(आरएनएस)। मुनिकीरेती में रूट निर्धारण की प्रक्रिया पर कड़ी नाराजगी जताते हुए बुधवार को ई-रिक्शा और ऑटो चालक भड़क गए। उन्होंने नो-एंट्री पर आक्रोश जाहिर करते हुए ऋषिकेश हाईवे पर सांकेतिक जाम लगाकर प्रदर्शन किया। यही नहीं आक्रोशित चालकों ने पुलिस पर मनमानी का आरोप भी लगाया। कहा कि यदि निर्णय वापस नहीं लिया गया तो हरिद्वार-ऋषिकेश नेशनल हाईवे को जाम कर उग्र आंदोलन किया जाएगा। तिलक रोड तिराहे पर प्रदर्शन करते हुए चालकों ने मुनिकीरेती में जानकी सेतु तिराहे से आगे ई-ऑटो का आवागमन प्रतिबंधित करने की प्रक्रिया का विरोध किया। नियम लागू होने से रोजी-रोटी का संकट खड़ा होने की बात कही। रामझूला तक आने-जाने वाले यात्रियों के साथ विवाद होने का अंदेशा भी जाहिर किया। आक्रोशित चालकों ने पुलिस पर रूट निर्धारण में मनमानी का आरोप लगाया। सुबह करीब 11 बजे 10 मिनट के लिए हरिद्वार-ऋषिकेश हाईवे को सांकेतिक जाम लगाकर नारेबाजी की। जय बदरी विशाल ई-ऑटो वेलफेयर एसोसिएशन अध्यक्ष वीरेंद्र भारद्वाज ने बताया कि रूट निर्धारण में वाहनों की श्रेणी की अनदेखी की जा रही है। ई-रिक्शा और ई-ऑटो अलग है। दावा किया कि, ई-ऑटो को नेशनल हाईवे पर आवागमन के लिए पास किया गया है। जबकि, पुलिस ने ई-ऑटो को भी ई-रिक्शा की श्रेणी में रख दिया है। इस तरह के रूट निर्धारण को उन्होंने अन्याय बताते हुए आंदोलन शुरू करने की बात कही है। प्रदर्शनकारियों में वीरेंद्र गुप्ता, नानक प्रजापति, प्रमोद कुलियाल, नितिन मित्तल, दीपक गिरि, सुमित, नरेश गिरि, विक्रम नेगी, महिमा नंद, दिनेश रतूड़ी, ओमप्रकाश, जगवीर, अनिल चंदेल आदि शामिल थे।
शहर में रोजाना दौड़ाते हैं 400 ई-ऑटो
सहायक संभागीय परिवहन कार्यालय ऋषिकेश में करीब 400 ई-ऑटो पंजीकृत हैं। यह सवारी वाहन तपोवन-मुनिकीरेती-ऋषिकेश और हरिद्वार के बीच चलते हैं। रोजाना इन वाहनों का यात्रियों को लेकर आना-जाना लगा रहता है। जानकी सेतु तिराहे तक आवाजाही का दायरा सीमित करने से चालकों ने न सिर्फ आर्थिक संकट की बात कही है, बल्कि रूट निर्धारण से उन्होंने रामझूला तक जाने वाली सवारी के साथ विवाद की स्थिति भी पैदा होने की आशंका जताई है। व्यस्ततम तिराहे पर इससे यातायात के भी प्रभावित होने की बात कही है।