मिशन 2023 के रोडमैप पर काम, बुलडोजर मामा का नया अवतार

भोपाल (आरएनएस)। मध्यप्रदेश में कमल नाथ सरकार गिराकर चौथी बार सरकार में लौटने और मुख्यमंत्री पद संभालने की दूसरी वर्षगांठ आने तक शिवराज सिंह चौहान के तेवरों में अब तल्खी ओढ़ ली है। सरकार के फैसले, कार्यशैली और सार्वजनिक भाषणों में हाई कोर हिंदुत्व की स्पष्ट झलक है। इसका ताजा प्रमाण भगवान राम के नाम से शुरु हुए बजट भाषण में मिला। लव जिहाद के खिलाफ सख्त कानून बनाने के बाद मप्र में राम पथ वन गमन मार्ग बनाने, ओंकारेश्वर में आदिगुरु शंकराचार्य की 108 फीट ऊंची प्रतिमा और तीर्थ दर्शन जैसी योजनाओं के लिए जुट गए हैं। मप्र में सत्ता-संगठन ने मिशन 2023 की जोर-शोर से तैयारियां शुरु कर दी हैं। चार राज्यों और खासतौर पर उत्तरप्रदेश में भाजपा को मिली सफलता को देख कर मप्र भाजपा ने भी हाई कोर हिंदुत्व की राह पकड़ ली है। यही वजह है कि सहज, सरल और विनम्रता के प्रतीक के रूप में प्रचारित शिवराज ने भी सख्त और कडक़ रवैया अपनाते हुए लव जिहाद के खिलाफ कठोर धर्म परिवत्रन निरोधक कानून और सख्त बनाकर लागू कर दिया। इतना ही नहीं हिंदुत्व की प्रतीक गाय को लेकर भी उनकी सरकार ने अपनी प्राथमिकता बता दी। गौ-अभ्यरण, गो-कैबिनेट का गठन कर आधा दर्जन विभागों को गौ-माता की देखरेख सौंपी गई है। यूपी के  सीएम योगी आदित्यनाथ की तर्ज पर माफिया और बदमाशों के खिलाफ शिवराज का बुलडोजर मामा अवतार भी इन दिनों खूब सुर्खियां बटोर रहा है। वह कहने भी लगे हैं कि लव जिहाद जैसा कुछ भी हुआ तो बर्बाद कर दूंगा, कहीं का नहीं छोड़ूंगा। यूपी सहित चार राज्यों में भाजपा को मिली जीत के बाद मामता यानी शिवराज ने नायक फिल्म केक अंदाज में एंग्री यंग मैन वाले सीएम की छवि अपनाने पर काम शुरु कर दिया। कई मौकों पर मुख्यमत्री चौहान बलत्कारियों, लव-जिहाद और धर्मान्तरण के माले में सीधे चुनौती वाले अंदाज में समझाइस दे चुके हैं। चुनाव में भाजपा इन मुद्दों को अपनी ब्रांडिंग के तौर पर प्रस्तुत करने की तैयारी कर चुकी है। शिवाज का यह नया अवतार सियासी पंडितों के अलावा उनके राजनीतिक विरोधियों को भी चौंका रहा है। करीब एक दशक पहले ईद के त्यौहार पर मुख्यमंत्री रहते हुए शिवराज भोपाल की बस्तियों में मुस्लिम टोपी लगाकर रोड शो करके भी चौंका चुके हैं। कार्यकाल की चौथी पारी में उन्होंने मध्यप्रदेश में राम पथ वन गमन मार्ग बनाकर धार्मिक पर्यटन सथल बनाने संबंधी अपनी उेढ़ दशक पुरानी घोषणा पर क्रियान्वयन के संकेत भी दिए हैं। यही वजह है कि इस साल बजट में कुछ राशि आवंटित कर प्रोजेक्ट पर काम शुरु करने का संकल्प भी जता दिया।

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