मौन उपवास रखकर पूर्व सीएम हरीश रावत ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला

देहरादून। उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत एक बार फिर बेरोजगार युवकों के लिए खड़े हुए हैं। उन्होंने उत्तराखंड सरकार से मांग की है कि ओवर ऐज युवओं को सरकारी नौकरी में आवेदन के लिए छूट दी जाए। कहा कि विगत चार सालों से सरकारी विभागों में कोई भर्ती नहीं होने के कारण शीक्षित युवा आवेदन नहीं कर पाए हैं जिसकी वजह से उनकी अधिकतम आयु सीमा पार हो गई है।
गुरुवार को अपने आवास में मौन उपवास रखकर पूर्व सीएम हरीश रावत ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला। मांग की है कि सरकार युवाओं को अधिकतम आयु सीमा में छूट दे। चिंता जताई कि प्रदेश में बेरोजगारी की दर लगातार बढ़ रही है। सरकार की जन-विरोध नीतियों की वजह से आमजन बहुत ही ज्यादा परेशान है। वहीं, सरकारी नौकरी में पिछले कई सालों से भर्ती नहीं होने की वजह से युवा वर्ग सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है।
कहा कि पूर्व में ऐसे बच्चों की बात उठाई जा चुकी है, जो ओवर ऐज हो चुके हैं। मगर एलटी या दूसरी टीईटी की परीक्षा में आयु सीमा रोकने के कारण वो इसमें शामिल नहीं हो पा रहे हैं। इसमें ऐसे बच्चों का कोई दोष नहीं है, क्योंकि 2016-17 में जो भर्तियां निकली थी, तब से कोई भर्ती ही नहीं निकली है। ऐसे यदि उनकी उम्र आज ज्यादा हो गई है तो उसमें उनका दोष नहीं है। जब सरकार ने भर्तियां नहीं निकाली, तो उनको अवसर ही नहीं मिल पाया। इसीलिए सरकार से आग्रह किया गया था कि उम्र में शिथिलता देते हुए पांच साल बढ़ाए जाएं। यही राहत जो कमजोर वर्ग के छात्र-छात्राएं हैं, उन्हें भी दी जाए। बावजूद इसके सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही है।

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