मलिन बस्तियों को मालिकाना हक देने से क्यों कतरा रही सरकार : सूर्यकांत धस्माना

देहरादून(आरएनएस)। प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि भाजपा सरकार उत्तराखंड की मलिन बस्तियों पर उजड़ने की तलवार को लटकाए रखना चाहती है। ताकि ऐन चुनाव से पहले लोगों को कोर्ट के आदेश का डर दिखा कर अध्यादेश लाकर बचाने का ढोंग रचा जा सके। मीडिया को जारी एक बयान में धस्माना ने कहा कि भाजपा यह षडयंत्र पिछले दो निकाय चुनावों से कर रही है। अब दूसरी बार भी जब अध्यादेश का समय पूरा हो रहा है, तब फिर से अध्यादेश लाने के तैयारी है। जबकि सरकार को कांग्रेस सरकार के समय बनाए गए नियमितीकरण और मालिकाना हक देने के कानून का पालन करना चाहिए था। ताकि इस समस्या का स्थायी समाधान हो पाता। उन्होंने कहा कि जब 2018 में प्रदेश की मलिन बस्तियों को उजड़ने से बचाने के लिए मलिन बस्ती विकास परिषद ने कांग्रेस के बैनर तले मुख्यमंत्री आवास कूच किया था, तब त्रिवेंद्र सरकार पहली बार मलिन बस्तियों के बारे में अध्यादेश लाई थी। जिसे दोबारा 2021 में तीन वर्षों के लिए लाया गया। अब जब इस अध्यादेश का समय भी समाप्त हो रहा है तो एक बार फिर राज्य सरकार एक नया अध्यादेश लाने की तैयारी कर रही है, जबकि छह वर्षों में राज्य सरकार को मलिन बस्तियों के नियमितीकरण मालिकाना हक और पुनर्वास का इंतजाम कर लेना चाहिए था। लेकिन भाजपा सरकार इस मुद्दे का स्थाई समाधान होने ही नहीं देना चाहती।
बस्तियों का स्थाई समाधान नहीं चाहती भाजपा : गोगी
कांग्रेस महानगर अध्यक्ष डॉ. जसविंदर सिंह गोगी ने मलिन बस्तियों के नियमितीकरण को लेकर भाजपा पर निशाना साधा है। गोगी ने कहा कि भाजपा पूरे मामले को जानबूझकर लटकाती आ रही है। बस्तियों को नियमित करने के बजाए भाजपा हर बार चुनाव का इंतजार करती है, ताकि बस्तियों के वोट का इस्तेमाल के लिए वह दबाव बना सके। वह बस्तियों को डर के माहौल के रखना चाहती है। इसीलिए इतने साल से मामले का समाधान नहीं किया जा सका। कहा कि कांग्रेस इस मामले में भाजपा की मंशा का पर्दाफाश करने का काम करेगी।