महामारी से निजात पाने के लिए अमेरिका ने बनाई नई तकनीक, अब यूई-एलईडी लाइट से पल भर में खत्म होगा कोरोना

न्यूयॉर्क। कोरोना वायरस का प्रकोप पुरी दुनिया में फैला हुआ है। इस वायरस को दुनिया में आए एक साल से ज्यादा हो गया है। वहीं इस महामारी से निजात पाने के लिए दुनियाभर के डॉक्टर इसकी दवा बनाने में लगे हुए हैं। इस बीच एक रिसर्च में कोरोनावारस को खत्म करने के लिए एक अनोखा तरीका सामने आया है। घर, बस, ट्रेन और दफ्तर में कोरोना के संक्रमण को खत्म करने के लिए रासायनिक छिडक़ाव किया जा रहा है। मगर एक अमेरिकी यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर ने अपने अध्ययन से एक ऐसी तकनीक बताई है, जिससे हमारा दफ्तर, घर और तमाम जगहें बिना किसी रासायनिक छिडक़ाव के ही सैनिटाइज हो जाएंगी। ये तरीका एक एलईडी बल्ब पर आधारित है। इसे वेंटिलेशन और एयर कंडीशनर वाले वातावरण में भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
अमेरिका के तेल अवीव विश्वविद्यालय में पर्यावरण इंजीनियरिंग कार्यक्रम के प्रमुख प्रोफेसर हाडस मैमन के नेतृत्व में यह रिसर्च पूरी हुई है। इसमें विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ मेकैनिकल इंजीनियरिंग के फैकल्टी इबी और अलादर फ्लेस्क्मैन भी शामिल थे। कोरोनावायरस को विभिन्न तरंगों से खत्म करने के तरीके पर यह पहला अध्ययन है। शोधकर्ताओं ने साबित किया है कि कोरोनावायरस को कुशलतापूर्वक, जल्दी और कम खर्चे में अल्ट्रावायलेट लाईट (ङ्क) से खत्म किया जा सकता है। उनका मानना है कि यूवी-एलईडी तकनीक जल्द ही निजी और व्यावसायिक उपयोग के लिए उपलब्ध होगी।
प्रोफेसर के मुताबिक, अल्ट्रावायलेट प्रकाश वाले एलईडी बल्बों का उपयोग करके कोरोनावायरस को मारना काफी सरल है। उन्होंने बताया कि हमने सस्ते और कम ऊर्जा की खपत वाले एलईडी बल्बों का उपयोग से कोरोना के संक्रमण को नष्ट कर दिया, हालांकि इनमें नियमित बल्बों की तरह मर्करी नहीं होती। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि जल्द ही ऐसे एलईडी बल्ब सामने होंगे। इसका आप हर जगह इस्तेमाल कर सकते हैं ये कोरोनावायरस को तेजी से खत्म कर देगा।
वहीं शोधकर्ताओं ने कोरोनावायरस को मारने के लिए सर्वोत्तम तरंगों को पैदा किया और पाया कि 285 नैनोमीटर (एनएम) की लंबाई की तरंग से 99.9 प्रतिशत वायरस आधे मिनट से भी कम समय में नष्ट हो गया। इन एलईडी बल्बों को जरूरत के हिसाब से एडजस्ट किया जा सकता है। प्रोफेशर ने उम्मीद जताई की यह तकनीक आने वाले समय में हमारे सामने होगी। लेकिन उन्होंने कहा कि यह ध्यान रखना जरूरी है कि घरों के अंदर कोरोना को खत्म करने के लिए इस तरीके का इस्तेमाल करना खतरनाक होगा। क्योंकि इसे कहीं भी इस्तेमाल में लाए जाने से पहले एक ऐसा सिस्टम डिजाइन करने की जरूरत होगी, जिससे कि कोई भी व्यक्ति सीधे इसके प्रकाश के संपर्क में न हो।
अल्ट्रा वायलेट (ङ्क) की लाइट का इस्तेमाल कई दशक से कीटनाशक के तौर पर किया जाता रहा है। खास तौर से मेडिकल के क्षेत्र में वातावरण से लेकर सिरिंज तक को कीटाणु मुक्त बनाने के लिए इस लाइट का इस्तेमाल होता है।