मधुमेह के रोगियों को अधिक गंभीर रूप से प्रभावित करता है कोविड

ऋषिकेश। कोविड स्वस्थ लोगों की तुलना में कम प्रतिरक्षा के कारण मधुमेह के रोगियों को अधिक गंभीर रूप से प्रभावित करता है। ऐसे में यह जरूरी है कि कोरोना संक्रमण से प्रभावित रहे मधुमेह से ग्रसित रोगी अपने स्वास्थ्य के प्रति ज्यादा संवेदनशील रहें और सतर्कता बरतें। एम्स ऋषिकेश के विशेषज्ञों ने इस बाबत आवश्यक सलाह जारी कर लोगों को सतर्क रहने को कहा है।
पोस्ट कोविड की समस्या को देखते हुए यह जरूरी है कि पूर्व में कोरोना संक्रमित हो चुके लोग अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहें और समय-समय पर डॉक्टरों की सलाह के अनुसार ही स्वास्थ्य के प्रति सावधानियां बरतें। एम्स ऋषिकेश के विशेषज्ञों का कहना है कि कोविड-19 ने पूरी दुनिया में लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है। अनजाने में वायरस के संपर्क में आने व अपने प्रियजनों से नहीं मिल पाने की निरंतर चिंता मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करती है। यह चिंता और अवसाद, कोविड -19 महामारी के दौरान मधुमेह से ग्रसित रोगियों में ग्लाइसेमिक नियंत्रण को काफी हद तक प्रभावित करता है। एम्स के बायो कैमेस्ट्री विभाग की फैकल्टी सदस्य डा. सरमा शाह का कहना है कि डायबिटीज मेलिटस के रोगी इम्युनोकॉम्प्रोमाइज्ड होस्ट होते हैं, इसलिए इनमें गंभीर संक्रमण के बढ़ने का जोखिम सामान्य रोगियों की तुलना में दोगुना अधिक है। ऐसे रोगियों को गहन देखभाल इकाई (आईसीयू) में भर्ती करने की आवश्यकता रहती है। ऐसी स्थिति में एक अच्छा ग्लाइसेमिक नियंत्रण बनाए रखने से जन्मजात प्रतिरक्षण प्रणाली को बढ़ावा मिलेगा, जिससे कि गंभीर परिणामों को रोकने में मदद मिलेगी। डॉ. शाह ने बताया कि रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और तनाव मुक्त रहने के लिए रोजाना कम से कम 10 मिनट योग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि विटामिन सी युक्त स्वस्थ भोजन करना चाहिए। नियमित रूप से दवाएं लेनी चाहिए और अपने प्रियजनों के साथ अधिक समय बिताना चाहिए।


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