लोहारी के ग्रामीणों ने खुद ही अपने घर तोड़ने किए शुरू
ग्रामीणों के साथ जोर जबरदस्ती न करे प्रशासन: प्रीतम
विकासनगर। व्यासी बांध से प्रभावित लोहारी गांव को खाली करने की प्रशासन की ओर से दी गयी 48 घंटे की समयावधि समाप्त हो चुकी है। लेकिन गांव खाली नहीं हो सका है। शुक्रवार को प्रशासन और पुलिस गांव में पहुंचकर डेरा जमा चुकी है। प्रशासन का लाव लश्कर देखकर ग्रामीण घर खाली करने को मजबूर हो गए हैं। पुलिस प्रशासन की कार्रवाई से डरे सहमे ग्रामीण खुद ही अपने घरों की तोड़फोड़ कर सामान समेट रहे हैं। वहीं, मौके पर पहुंचे चकराता विधायक प्रीतम सिंह ने ग्रामीणों से मुलाकात कर पुलिस प्रशासन को जोर जबरदस्ती न करने की हिदायत दी। व्यासी बांध से प्रभावितों को पांच अप्रैल को तहसील प्रशासन ने नोटिस जारी कर 48 घंटे के अंदर अपने घर खाली करने के निर्देश दिए थे। जिसके बाद ग्रामीणों ने अपने कीमती सामान को घरों से निकालकर अन्यत्र शिफ्ट कर दिया। लेकिन गांव के लोग बिस्सू के त्योहार के मद्देनजर और अब तक कोई अपना स्थायी ठोर ठिकाना न मिलने के कारण गांव को खाली करने को तैयार नहीं थे। लेकिन सात अप्रैल की सायं को जैसे प्रशासन की ओर से दी गयी समयावधि समाप्त हुई, उसके बाद प्रशासन ने गांव को खाली कराने की तैयारी शुरू कर दी। गांव में तोड़फोड़ के सामान को लेकर पहुंचे प्रशासन और पुलिस को देखकर लोहारी के ग्रामीण खुद ही अपने कुदाल, गैंती, सब्बल, फावड़े निकालकर घरों से सामान समेट रहे हैं। घरों में तोड़फोड़ कर घरों की छत पर टंगी चादरें, ईंट पत्थरों को समेटना शुरू कर दिया है। एडीएम एसके बर्नवाल का कहना है कि ग्रामीण स्वत: गांवों को खाली कर रहे हैं और सहयोग भी दे रहे हैं।
यह अफसर पहुंचे गांव: शुक्रवार को एडीएम प्रशासन एसके बर्नवाल, एसपी देहात कमलेश उपाध्याय, सीओ प्रेमनगर दीपक कुमार, एसडीएम विकासनगर विनोद कुमार, एसडीएम कालसी सौरभ असवाल भारी पुलिस बल, जेसीबी, डंपर आदि लेकर लोहारी गांव पहुंच गये।
ग्रामीणों के साथ जोर जबरदस्ती न करे प्रशासन: प्रीतम
लोहारी गांव में पुलिस प्रशासन के पहुंचने व तोड़फोड़ की सूचना पर निवर्तमान नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने मौके पर पहुंचकर पुलिस प्रशासन को हिदायत दी कि ग्रामीणों के साथ जोर जबरदस्ती न की जाय। कहा कि नवरात्रि की पूजा, बिस्सू का त्योहार सामने है। ग्रामीणों को समय दिया जाना चाहिए। लेकिन सत्ता की हनक में बिना किसी ठौर ठिकाने के ग्रामीणों को जबरदस्ती गांव से निकालकर खानाबदोश जिंदगी बिताने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए। कहा कि प्रशासन को ग्रामीणों के रहने ठहरने की वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिए। कहा कि लोहारी के ग्रामीणों के साथ जो अलोकतांत्रिक तरीका अपनाया जा रहा है उसकी निंदा करते हैं और कांग्रेस ग्रामीणों के साथ खड़ी है।