
कोटद्वार(आरएनएस)। नए साल के जश्न को देखते हुए लैंसडौन वन प्रभाग और इससे सटे सीटीआर के कालागढ़ टाइगर रिजर्व वन प्रभाग (केटीआर) में अलर्ट घोषित किया गया है। कर्मचारियों और अधिकारियों के अवकाश रद्द कर दिए गए हैं। दोनों वन प्रभागों की संयुक्त गश्त शुरू हो गई है। वन एवं वन्यजीवों की सुरक्षा और मानव वन्यजीव संघर्ष की आशंका को देखते हुए लैंसडौन वन प्रभाग के लालढांग से लेकर कोटद्वार और यूपी की सीमा में स्थित कार्बेट टाइगर रिजर्व (सीटीआर) की दक्षिणी सीमा पर खासी सतर्कता बरती जा रही है। लैंसडौन वन प्रभाग के डीएफओ जीवन मोहन दगाड़े ने बताया कि किसी को भी थर्टी फस्ट के जश्न के नाम पर जंगलों के भीतर घुसने की इजाजत नहीं होगी। कर्मचारी और अधिकारी दिन रात गश्त पर रहेंगे। लैंसडौन के सभी बंगलों में केवल वन अधिकारी ही ठहरेंगे। सीटीआर व केटीआर में भी अलर्ट घोषित किया गया है। केटीआर के डीएफओ तरूण एस. ने बताया कि कोटद्वार से पाखरो, मोरघट्टी और कालागढ़ तक सीटीआर की करीब 45 किमी की सीमा पर दिनरात नजर रखी जा रही है। तीन जनवरी तक पाखरो और वतनवासा पर्यटन जोन के गेटों पर सभी पर्यटकों की चेकिंग के निर्देश दिए गए हैं। दुगड्डा धुमाकोट मार्ग पर मानव वन्यजीव संघर्ष को देखते हुए सेंधीखाल से सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं।

