लंढौरा में साढ़े छह कुंतल मछली नष्ट की

रुड़की(आरएनएस)।  मत्स्य विभाग की टीम ने लंढौरा और बिझौली में दो तालाबों से प्रतिबंधित मछलियों को पकड़कर नष्ट कराया। साथ ही बाकी की मछलियां नष्ट करने के लिए दो दिन का समय दिया है। लंढौरा के जंगल में खेमपुर निवासी एक व्यक्ति की खेती की भूमि है। अपनी भूमि में ही उसने तालाब बना कर अफ्रीकी कैट मछली का पालन कर रखा है। किसी ने सीएम पोर्टल पर इसकी शिकायत कर रखी है कि प्रतिबंधित मछली का पालन किया जा रहा है। बुधवार को मत्स्य विभाग से मत्स्य निरीक्षक प्रियंका रासो, मत्स्य निरीक्षक डॉ. अनुराग सेमवाल ने टीम के साथ तालाब का निरीक्षण किया। इस दौरान तालाब में प्रतिबंधित मछली अफ्रीकन कैटफिश पाई गई। टीम ने तालाब से डेढ़ कुंतल मांगुर मछली पकड़कर जीसीबी मशीन से गढ्ढा खुदवा कर उन्हें मिट्टी में दबवा दिया। इससे पहले टीम ने बिझौली में तालाब से पांच कुंतल कैटफिश मछली को पकड़कर नष्ट कराया। मत्स्य निरीक्षक प्रियंका रासो ने बताया कि इस मछली का वैज्ञानिक नाम क्लैरियस गैरिपीनस है। मत्स्य निरीक्षक डॉ. अनुराग सेमवाल ने बताया कि ये मछली मासांहारी होने के कारण मछलियों, कछुओं और वनस्पति को खाकर नष्ठ कर देती है। साथ ही जल निकायों में इकोसिस्टम का संतुलन बिगाड़ देती है। इसी कारण इस मछली को प्रतिबंधित किया है। दोनों मछली पालकों को दो दिन भीतर बाकी मछलियों को नष्ट करने का समय दिया गया है। मत्स्य निरीक्षकों का कहना है कि अगर दो दिन के अंदर बाकी मछलियों को नष्ट नहीं किया गया तो कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। कार्रवाई के दौरान हेड कांस्टेबल शूरवीर चौहान, सिपाही संजय कुमार मौजूद रहे।