लमगड़ा में जल संरक्षण पर जागरूकता गोष्ठी, वृक्षारोपण कर दिया संरक्षण का संदेश

अल्मोड़ा। मुख्य विकास अधिकारी के निर्देश पर विकास खंड लमगड़ा मुख्यालय में जल संरक्षण पखवाड़े के अंतर्गत एक जनजागरूकता गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर ग्राम विकास, जलागम, उद्यान, एनआरएलएम, रीप परियोजना सहित विभिन्न विभागों के प्रतिनिधियों के साथ महिला समूहों और जनप्रतिनिधियों ने सहभागिता की। गोष्ठी में वक्ताओं ने जल संरक्षण व संवर्धन के महत्व को रेखांकित करते हुए पर्यावरण संरक्षण के उपायों पर विस्तार से चर्चा की। कार्यक्रम में जलागम विभाग से शशिवर्धन अधिकारी ने वर्षा जल संचयन, जल स्रोतों के पुनर्जीवन और पर्यावरण असंतुलन के कारणों को सरल भाषा में समझाया। उन्होंने बताया कि कैसे परंपरागत जल स्रोतों जैसे धारे-नौलों को रिचार्ज कर जल संकट को टाला जा सकता है। जलागम विभाग के कृषि विशेषज्ञ धीरज सिंह ने ‘मेरा धारा मेरा नौला’ अभियान के तहत जल स्रोतों की सुरक्षा, ग्रीनहाउस गैसों के प्रभाव और पारिस्थितिक संतुलन की आवश्यकता पर विचार रखे। इसी क्रम में महिला समूहों ने भी अपनी राय साझा करते हुए बताया कि पूर्व की तुलना में अब जल स्रोतों में पानी की उपलब्धता घट गई है, जिससे अनेक समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। उद्यान विभाग से हेम बिष्ट ने वृक्षारोपण, फल पौध रोपण और पॉलिहाउस तकनीक के जरिए जल संरक्षण व जलवायु अनुकूल खेती की संभावनाओं को रेखांकित किया। उन्होंने औषधीय पौधों की खेती को भी लाभकारी बताया। हिमोत्थान सोसायटी के वरिष्ठ परियोजना अधिकारी डीएस बोरा ने बताया कि उनकी संस्था द्वारा जल स्रोतों के संरक्षण हेतु सर्वे किया जा रहा है और कई स्थानों पर जीर्णोद्धार कार्य भी कराए गए हैं। कार्यक्रम के समापन पर खंड विकास अधिकारी निवेदिता खुल्वे ने सभी विभागीय अधिकारियों, कर्मचारियों, महिला समूहों और जनप्रतिनिधियों का आभार जताते हुए अधिक से अधिक वृक्षारोपण और जल स्रोतों के संरक्षण की अपील की। इसके उपरांत अमृत सरोवर के समीप ग्राम ठाट में वृक्षारोपण किया गया, जिसमें बांज, क्वेराल, तुन, सहतूत और कांफल जैसे प्रजातियों के पौधों का रोपण किया गया। मुख्य विकास अधिकारी ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए ऐसे जागरूकता कार्यक्रमों को समय-समय पर आयोजित करने की बात कही। आयोजन में विभिन्न विभागों के अधिकारी-कर्मचारियों और ग्राम समूहों की महिलाओं सहित कुल 110 प्रतिभागियों ने भाग लिया।

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