लखवाड़ की ध्यांटुड़ियों ने किया लखवाड़ मंदिर में 7 तोला सोने का छत्र भेंट
विकासनगर। लखवाड़ गांव की ध्याणटुड़ियों (बेटियों) ने महासू देवता मंदिर लखवाड़ में सात तोला सोने से बना छत्र भेंट कर अपने परिवार की खुशहाली के लिए पूजा अर्चना की। इस दौरान मंदिर में जागड़ा पर्व आयोजित किया गया। गांव के महिला और पुरुषों ने मंदिर परिसर में देव हारूल पर शानदार नृत्य किया। जौनसार बावर में मन्नत पूरी होने पर देव पालकी को अपने घर आमंत्रित करने और देवता को मंदिर में भेंट अर्पित करने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। इसी परंपरा का निर्वहन करते लखवाड़ गांव की बेटियों ने सोने से बना छत्र भेंट किया। सोमवार सुबह से ही गांव की विवाहित और अविवाहित बेटियों का मंदिर में आने का सिलसिला शुरु हो गया था। मंदिर परिसर में विधि विधान से पूजा अर्चना करने के बाद गर्भगृह में विराजमान देव पालकी पर चांदी का छत्र चढ़ाया गया। इसके बाद मंदिर में देव हारुल का गायन शुरु हुआ। देव हारूल के माध्यम से देवता के महातम्य का वर्णन किया गया। बुजुर्ग महिलाओं ने चार भाई महासू के कश्मीर से जौनसार में आने की कथा का वर्णन किया। दोपहर में भंडारे के बाद एक बार फिर लोकनृत्यों का दौर शुरु हुआ। जो पूरी रात चलता रहा। रात भर ग्रामीणों ने जागरण देवता की प्रस्तुति करने के साथ ही लोक संस्कृति की अनुपम छटा बिखेरी। इस दौरान अंजू राठौर, पूनम तोमर, गीता कैंतुरा, लता राय, कृष्णा नेगी, अनिता तोमर, नीलम, सुनीता जोशी, कविता, संगीता, रंजीता, गोल्डी, गंभीर सिंह चौहान, दिग्विजय सिंह चौहान, अजीत सिंह, संसार सिंह तोमर, जितेंद्र चौहान, राजेश कुमार अग्रवाल आदि मौजूद रहे।