कुंभ की एसओपी के विरोध में गंगा सभा

हरिद्वार। हरिद्वार कुंभ को लेकर जारी एसओपी के बाद श्रीगंगा सभा की ओर से प्रेस वार्ता कर आरोप लगाया गया कि एसओपी को लेकर सभी में संशय बना हुआ है। कब से एसओपी लागू होगी इस बात का कहीं जिक्र नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि पूरे कुंभ मेले में एक सी एसओपी जारी नहीं की जा सकती। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि पूरे मेले में एक जैसी एसओपी जारी होने का श्री गंगा सभा विरोध करेगी। बुधवार को हरकी पैड़ी पर पत्रकार वार्ता करते हुए श्री गंगा सभा के महामंत्री तन्मय वशिष्ठ ने कहा कि मंगलवार रात उत्तराखंड शासन की ओर से पूरे कुंभ मेले के लिए एसओपी जारी की गई है। उन्होंने कहा कि यह एसओपी कब से लागू होगी, इस बात का जिक्र नहीं किया गया है। केवल यह लिखा गया है कि यह कुंभ मेला में लागू रहेगी। उन्होंने कहा कि तकनीकी रूप से कुंभ मेला अभी तक शुरू नहीं हुआ है, क्योंकि शासन की ओर से कुंभ मेले का नोटिफिकेशन जारी नहीं किया गया है। जबकि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार 1 जनवरी से कुंभ की शुरुआत हो चुकी है। उन्होंने कहा कि सब चाहते हैं कि कुंभ दिव्य और भव्य हो। श्रद्धालुओं को अधिक परेशान ना किया जा सके। महामंत्री ने कहा कि एक ओर शासन खुद मान रहा है कि शाही स्नान और पर्व स्नान में अधिक भीड़ होगी, लेकिन अन्य दिनों में भीड़ कम रहेगी। उन्होंने कहा कि सभी दिनों में यदि आरटीपीसीआर नेगेटिव रिपोर्ट लाने की अनिवार्यता लागू की जाती है तो श्री गंगा सभा इसका विरोध करेगी। उन्होंने कहा कि सरकार को एक बार एसओपी जारी करने से पहले सभी लोगों से बातचीत करनी चाहिए थी। उसी के आधार पर एसओपी जारी की जानी चाहिए थी। श्रीगंगा सभा के अध्यक्ष प्रदीप झा का कहना है कि सरकार को किसान आंदोलन में भीड़ नहीं दिखाई दे रही है। बिहार चुनाव के नाम पर बड़ी-बड़ी जनसभाएं हो रही हैं। लेकिन धर्म के नाम पर कुंभ मेले का गला घोटा जा रहा है। उन्होंने कहा कि एसओपी को लेकर सरकार को पुनर्विचार करना चाहिए।