केंद्र ने दी स्वास्थ्य सेवाओं के लिए उत्तराखंड को 700 करोड़ की मंजूरी
देहरादून। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत स्वास्थ्य सेवाओं के लिए केंद्र ने उत्तराखंड को 700 करोड़ की मंजूरी दे दी है। गत वर्ष की तुलना में राज्य को एनएचएम में 200 करोड़ ज्यादा बजट मिला है। प्रदेश में संचालित हेल्थ वेलनेस सेंटरों में 500 कम्युनिटी हेल्थ अफसरों की तैनाती की जाएगी। इसके अलावा 400 एएनएम और 150 स्टाफ नर्सों की संविदा पर नियुक्ति की जाएगी। गढ़वाल व कुमाऊं मंडल में एक-एक कॉर्डियक केयर यूनिट पब्लिक प्राइवेट पाटर्नरशिप में खोली जाएगी। स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ हुई बैठक में प्रदेश के प्रभारी सचिव स्वास्थ्य डॉ.पंकज कुमार पांडेय की अगुवाई में एनएचएम अधिकारियों ने 700 करोड़ की वार्षिक कार्य योजना 2021-22 प्रस्तुत की। केंद्र ने इस कार्य योजना को मंजूरी दे दी है। एनएचएम के तहत प्रदेश के बागेश्वर, चमोली, चंपावत, टिहरी, उत्तरकाशी जिले में डायलिसिस यूनिट स्थापित की जाएगी। 18.50 करोड़ की लागत से 108 आपातकालीन सेवा के लिए 132 नई एंबुलेंस व रखरखाव की स्वीकृति मिली है। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के तहत पौड़ी, चमोली व टिहरी जिले में नौ नई टीमें तैनाती की जाएंगी। वर्तमान में प्रदेश में 139 आरबीएसके टीमें कार्य रही हैं। सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने वाले मरीजों को रेफरल लिंकेज की सुविधा मिलेगी।
राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं के लिए 700 करोड़ की मंजूरी एक बड़ी उपलब्धि है। कार्य योजना में सभी प्रस्ताव को केंद्र ने स्वीकृत किया है।
-डॉ.पंकज कुमार पांडेय, प्रभारी सचिव, स्वास्थ्य
प्रदेश में खुलेंगे पांच एफआरयू : राज्य के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए प्रदेश में पांच और एफआरयू (फर्स्ट रेफरल यूनिट) स्थापित की जाएंगी। वर्तमान में स्थापित 29 एफआरयू को क्रियाशील बनाया जाएगा। सरकारी अस्पतालों में प्रसव के बाद जज्जा-बच्चा को घर तक छोडऩे के लिए खुशियों की सवारी को मंजूरी दी गई।
बच्चों को उपचार के दौरान बड़े अस्पतालों में रेफर करने पर रेफरल ट्रांसपोर्ट की सुविधा दी जाएगी। अब 104 कॉल सेंटर के माध्यम से चिह्नित बीमार बच्चों को ट्रांसपोर्ट के अलावा एक प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मी की देखरेख में रेफर किया जाएगा। प्रदेश में संचालित 54 डिलीवरी केंद्रों व 29 एफआरयू को सुदृढ़ करने की अनुमति मिली है। -डॉ.सरोज नैथानी, निदेशक, एनएचएम