केदारनाथ धाम के नाम और ढ़ाचें का भी न किया जाए दिल्ली मंदिर में प्रयोग

रुद्रप्रयाग(आरएनएस)।  दिल्ली में केदारनाथ मंदिर निर्माण करने के प्रयासों की रुद्रप्रयाग एवं केदारघाटी की जनता ने निंदा की है। जिलाधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा गया है। पूर्व बीकेटीसी सदस्य प्रदीप बगवाड़ी, वरिष्ठ तीर्थपुरोहित एवं बीकेटीसी सदस्य श्रीनिवास पोस्ती, पूर्व व्यापार संघ अध्यक्ष माधों सिंह नेगी, राजेंद्र डोभाल, प्रेम सिंह, देवेश्वर प्रसाद, घनानंद सती, कांता नौटियाल आदि लोगों ने कहा कि इस पूरी तरह धामों की मर्यादा के खिलाफ है।

उन्होंने प्रधानमंत्री से कहा कि उत्तराखंड देवभूमि के प्रति आपका बड़ा स्नेह है, यहां पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए केंद्र और राज्य सरकार ने कई प्रयास किए हैं। सांस्कृतिक पर्यटन में बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री महत्पूर्ण स्थल है, जिन्हें विकसित करने के लिए सरकार के प्रयास जारी है। दिल्ली में केदारनाथ मन्दिर की स्थापना करने का प्रयास पूरी तरह गलत है। यहां की धार्मिक मर्यादा को प्रभावित करने वाला कदम है। जिसका देवभूमि उत्तराखंड के केदारघाटी क्षेत्र में जमकर विरोध किया जा रहा है। रुद्रप्रयाग जनपद केदारनाथ मंदिर के चलते लोगों की आर्थिकी से जुड़ा है। जिससे यह लोगों की रोजी रोटी का साधन भी है। दिल्ली में केदारनाथ मन्दिर की स्थापना से केदारनाथ के महत्व को समाप्त करने की एक साजिश है। केदारनाथ को 11वें ज्योर्तिलिंग का स्थान दिया गया है, जिससे देश में केदारनाथ का बड़ा महत्व और श्रद्धा देशवासियों में हैं। इसलिए दिल्ली में जो मन्दिर निर्माण किया जा रहा है, उक्त मन्दिर का ढांचा भी केदारनाथ की तरह कतई न बनाया जाए। साथ ही मन्दिर का नाम भी केदारनाथ धाम न रखा जाए।