Skip to content

RNS INDIA NEWS

आपकी विश्वसनीय समाचार सेवा

Primary Menu
  • मुखपृष्ठ
  • अंतरराष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • राज्य
    • उत्तराखंड
      • अल्मोड़ा
      • उत्तरकाशी
      • ऊधम सिंह नगर
      • बागेश्वर
      • चम्पावत
      • नैनीताल
      • पिथौरागढ़
      • चमोली
      • देहरादून
      • पौड़ी
      • टिहरी
      • रुद्रप्रयाग
      • हरिद्वार
    • अरुणाचल
    • आंध्र प्रदेश
    • उत्तर प्रदेश
    • गुजरात
    • छत्तीसगढ़
    • हिमाचल प्रदेश
      • शिमला
      • सोलन
    • दिल्ली
    • बिहार
    • मध्य प्रदेश
    • मणिपुर
    • राजस्थान
    • त्रिपुरा
  • अर्थ जगत
    • बाजार
  • खेल
  • विविध
    • संस्कृति
    • न्यायालय
    • रहन-सहन
    • मनोरंजन
      • बॉलीवुड
  • Contact Us
  • About Us
  • PRIVACY POLICY
Watch
  • Home
  • राष्ट्रीय
  • कश्मीरी पंडितों के कातिल बिट्टा कराटे का केस 31 साल बाद फिर खुला, कोर्ट में 16 अप्रैल को होगी सुनवाई
  • जम्मू कश्मीर
  • राष्ट्रीय

कश्मीरी पंडितों के कातिल बिट्टा कराटे का केस 31 साल बाद फिर खुला, कोर्ट में 16 अप्रैल को होगी सुनवाई

RNS INDIA NEWS 02/04/2022
default featured image

श्रीनगर (आरएनएस)। श्रीनगर की एक सत्र अदालत ने 1990 के दशक में सशस्त्र विद्रोह के दौरान कश्मीरी पंडितों की हत्या के आरोपी फारूक अहमद डार उर्फ बिट्टा कराटे के खिलाफ मामला फिर से खोल दिया है। कोर्ट इस मामले पर 16 अप्रैल को सुनवाई करेगा। श्रीनगर के हब्बा कदल इलाके में 2 फरवरी, 1990 को सतीश टिक्कू की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। टिक्कू के परिजनों की याचिका पर कार्रवाई करते हुए अदालत ने यह एक्शन लिया है।

सतीश टिक्कू के बहनोई प्रदीप कौल ने कहा कि मामला विचाराधीन है, इसलिए परिवार टिप्पणी नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि हमें कानून पर पूरा भरोसा है। इस मामले को लेकर मीडिया पहले ही हल्ला मचा चुका है। हम चाहते हैं कि चीजें कानून के अनुसार चले। दरअसल, कश्मीर फाइल्स फिल्म ने कश्मीरी पंडितों की हत्याओं और पलायन पर फिर से चर्चा शुरू कर दी है। प्रतिबंधित संगठन जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट को काफी हद तक हिंसा का दोषी ठहराया गया है, जिसने एक स्वतंत्र कश्मीर की मांग की थी।

20 पंडितों को मारने की बात कराटे ने स्वीकार की
कराटे के साथ-साथ यासीन मलिक कश्मीर में आतंकी गतिविधियों में पाकिस्तान से फंडिंग करने के आरोप में दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं। एनआईए ने 2017 में कराटे और फरवरी 2019 में मलिक को गिरफ्तार किया। बिट्टा कराटे को शुरुआत में 1990 में गिरफ्तार किया गया था। उसने जेकेएलएफ नेताओं के आदेश पर 20 पंडितों को मारने की बात कैमरे पर स्वीकार की थी। बाद में कराटे ने इसका खंडन करते हुए कहा कि उसने दबाव में यह बयान दिया। 2006 में कराटे को सबूतों की कमी और अभियोजन पक्ष की अरुचि पर रिहा कर दिया गया था।

31 साल बीत गए, न्याय तो मिलना चाहिए
फारूक अहमद डार का नाम बिट्टा कराटे इसलिए पड़ा क्योंकि वह मार्शल आर्ट में ट्रेंड था। कराटे पुराने शहर श्रीनगर के गुरु बाजार इलाके में बड़ा हुआ, जो 1990 के दशक में उग्रवाद का केंद्र था। उसने हाई स्कूल छोड़ दिया, जिसमें कई पंडित शिक्षक थे। वकील उत्सव बैंस ने कहा कि पीडि़त परिवार को न्याय मिलना चाहिए। 31 साल बीत चुके हैं और परिवार को नहीं पता कि मामले का क्या हुआ।

शेयर करें..

Post navigation

Previous: अनिल देशमुख मामला: सीबीआई ही करेगी जांच, महाराष्ट्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट से झटका
Next: राज्यसभा चुनाव : नार्थ ईस्ट की 4 सीटों पर भाजपा ने लहराया परचम, कांग्रेस का सूपड़ा साफ

Related Post

default featured image
  • राष्ट्रीय

सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, पत्नी ने की बिना शर्त रिहाई की अपील

RNS INDIA NEWS 03/10/2025
default featured image
  • राष्ट्रीय

तिरुवन्नामलाई में 2 पुलिसकर्मियों पर 19 वर्षीय युवती से रेप का आरोप, निलंबित और गिरफ्तार

RNS INDIA NEWS 01/10/2025
WhatsApp Image 2025-10-01 at 21.24.39
  • राष्ट्रीय

आरएसएस के 100 साल पर प्रधानमंत्री मोदी जारी किया विशेष डाक टिकट और सिक्का

RNS INDIA NEWS 01/10/2025

यहाँ खोजें

Quick Links

  • About Us
  • Contact Us
  • PRIVACY POLICY

ताजा खबर

  • राशिफल 09 अक्टूबर
  • अगस्त्यमुनि बीडीसी की पहली बैठक में जमकर हंगामा
  • उद्यान विभाग ने लीलियम के उत्पादन से काश्तकारों की आय बढ़ाने की कवायद की शुरू
  • चूना भट्टा में कब्जे चिन्हित करने को पैमाइश के आदेश
  • यूकेएसएसएससी प्रतियोगी परीक्षा में गड़बड़ी की जांच को लेकर गठित एकल सदस्यीय आयोग ने देहरादून में किया जन संवाद
  • सर्वोदय इंटर कॉलेज जैंती में वन्य जीव संरक्षण पर निबंध प्रतियोगिता आयोजित

Copyright © rnsindianews.com | MoreNews by AF themes.