तनाव मुक्त शिक्षा के लिए आनंदम पाठ्यचर्चा अहम: डाॅ अजंता बिष्ट

आनंदम पाठ्यचर्चा की बारीकियों से प्रशिक्षुओं को कराया अवगत

अल्मोड़ा। सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के शिक्षा संकाय में चल रहीं कार्यशाला के चौथे दिवस पर रुद्रपुर डायट प्रवक्ता डाॅ अजंता बिष्ट ने आनंदम् कार्यक्रम के शैक्षिक महत्व के बारे में प्रशिक्षुओं को विस्तार पूर्वक समझाया। कहा कि आनंदम पाठ्यचर्चा अनुभवात्मक शिक्षण पर आधारित है। जो विद्यार्थियों में सम्मान की भावना, कृतज्ञता, विनम्रता, दया, साहस, प्रेम, सद्भावना, स्थिरता को विकसित करने में अहम भूमिका निभाता है।
इससे पहले मंगलवार को शिक्षा संकाय में चल रहीं सात दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ संकायाध्यक्ष व विभागाध्यक्ष प्रो भीमा मनराल ने किया। मुख्य वक्ता के तौर पर उपस्थित डाॅ अजंता बिष्ट ने एमएड व बीएड प्रशिक्षुओं को जीवन व शिक्षा के परस्पर संबंध पर परिचर्चा की। साथ ही विद्यार्थियों के लिए बनाई गई आनंदम पाठ्यचर्या पर प्रकाश डाला। उन्होंने एनईपी 2020 के संदर्भ में आनंदम् पाठ्यचर्चा को शिक्षा में शामिल करने के उद्देश्यों के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि आनंदम के विविध प्रकार होते है। जैसे क्षणिक आनंदम्, गहरा आनंदम्, सतत् आनंदम् आदि। समापन अवसर पर सहायक प्राध्यापक डाॅ नीलम कुमारी ने उपस्थित अतिथियों एवं प्रतिभागियों का आभार जताया। इस मौके पर सहायक प्राध्यापक डाॅ नीलम, डाॅ संगीता पवार, डाॅ ममता कांडपाल, डाॅ संदीप पांडे, सरोज जोशी, मनोज आर्या, मनोज कार्की, अंकिता कश्यप, बीना लाल, दीपक खोलिया, आनंद राम आदि मौजूद रहे।

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