जोशीमठ में आपदा पीड़ित लोगों ने भाजपा प्रदेशाध्यक्ष के खिलाफ की नारेबाजी

चमोली। नगर में भू धंसाव के कारण बेघर हुए लोगों और समर्थकों का धरना तहसील में मंगलवार को भी जारी रहा। जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति ने धरने से पहले नगर के मुख्य चौराहे पर एकत्र होकर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ नारेबाजी की। कहा कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का बयान एकता और अखंडता के लिए खतरनाक है। संघर्ष समिति के संयोजनक अतुल सती ने कहा कि जोशीमठ के इतिहास के सबसे बड़े और अहिंसात्मक आन्दोलन को माओवादी ताकतों का आन्दोलन बताया जाना लोकतंत्र की हत्या है। कहा कि जब वर्ष 2019 में इसी जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले हेलंग मारवाड़ी बाइपास सड़क के विरोध में आन्दोलन हो रहा था तो ये वही महेन्द्र भट्ट हैं जो उस समय विधायक थे व संघर्ष समिति के प्रतिनिधिमंडल के साथ केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी के यहां पहुंचे थे। कहा कि जब संघर्ष समिति के पदाधिकारी उन्हें माओवादी नहीं लगे थे, लेकिन आज जब लोग परेशान हैं तो जनता की सुध लेने की बजाए बेतुका बयानबाजी कर रहे हैं।
समिति के प्रवक्ता कमल रतूड़ी ने कहा कि चुनाव हारने के बाद भट्ट अपना मानसिक संतुलन खोने लगे हैं। इसलिए किसी राष्ट्रीय पार्टी को ऐसे बीमार व्यक्ति को प्रदेश अध्यक्ष बनाए रखना खतरनाक है। कहा कि यदि यह भाजपा का बयान नहीं है तो तुरंत भट्ट को पद मुक्त किया जाना चाहिए व उन्हें जोशीमठ की जनता से लिखित माफी मांगनी होगी।
मुख्य चौराहे में कामरेड भरत कुंवर ने कहा कि सभी वाम दल भी उतने ही राष्ट्र भक्त हैं जितने बीजेपी या आरएसएस के लोग हैं, कहा कि महेन्द्र भट्ट अब राष्ट्रवाद का जोशीमठ में सार्टिफिकेट बांटना व गलत बयानबाजी करना बंद कर दें। मौके पर लोगों ने सरकार से जल्द विस्थापन एवं उचित मुआवजे की मांग की। कहा कि जब तक सभी प्रभावितों की मांगें पूरी नहीं हो जाती और सरकार यह लिख कर नहीं दे देती कि जोशीमठ का कौन कौन सा भाग सुरक्षित है व कौन सा भाग अब रहने योग्य नहीं है, आन्दोलन जारी रहेगा।


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