जितेंद्र की गिरफ्तारी के बाद सुस्त पड़ी एसआईटी जांच की रफ्तार

हरिद्वार। धर्मसंसद में भड़काऊ भाषण देने के मामले में यूपी शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी की गिरफ्तारी के बाद एसआईटी जांच की रफ्तार सुस्त पड़ती दिखाई दे रही है। यह सवाल अन्य आरोपियों की शहर में मौजूदगी होने पर खड़ा हो रहा है।
पिछले माह उत्तरी हरिद्वार में हुई धर्मसंसद में वर्ग विशेष को लेकर दिए गए भड़काऊ भाषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में राज्य सरकार से जवाब मांगा है। पूरे मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी ने भड़काऊ भाषण देने के मुख्य आरोपी जितेंद्र नारायण त्यागी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। उसके खिलाफ धर्मसंसद से जुड़े दो मुकदमे शहर कोतवाली में दर्ज हैं। जितेद्र नारायण की गिरफ्तारी के बाद एसआईटी ने चुप्पी साध ली है। अब तक किसी अन्य की गिरफ्तारी न होने पर एसआईटी की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं। जिले के आला अफसरों से लेकर एसआईटी की निगाहें फिलहाल रिजवी की जमानत याचिका पर लगी हुई है। पुलिस सूत्रों की मानें तो रिजवी की गिरफ्तारी के बाद दबाव काफी कम हुआ है। वहीं, रिजवी की गिरफ्तारी के बाद अनशन कर रहे संत यतिनरसिंहानंद को लेकर प्रशासन-पुलिस असमंजस में दिखाई दे रही है। डीआईजी-एसएसपी डॉ योगेंद्र सिंह रावत ने बताया कि एसआईटी जांच जारी है। हर पहलू की जांच की जा रही है।