जन संगठनों ने कानून व्यवस्था को लेकर उठाए सवाल

देहरादून। राज्य के विपक्षी दलों और विभिन्न जन संगठनों ने सरकार पर निशाना साधते हुए कानून व्यवस्था को लेकर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि बढ़ते हुए नफरती प्रचार से राज्य की छवि खराब हो रही है। प्रेस क्लब में सोमवार को आयोजित विपक्षी दलों और जनसंगठनों की बैठक में वक्ताओं ने कहा कि सत्ताधारी दल और चंद संगठन नफरती प्रचार कर रहे हैं। सांप्रदायिक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश भर से और न्यायालयों की ओर से आलोचना होने के बावजूद सरकार जिम्मेदार लोगों व संगठनों पर कार्रवाई नहीं कर रही। राजनैतिक दलों की और से भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मा-ले) के राज्य सचिव इंद्रेश मैखुरी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय काउंसिल सदस्य समर भंडारी, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव डॉ एसएन सचान, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के लेखराज और उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के प्रभात ध्यानी ने बैठक को सम्बोधित किया। बैठक में संविधान के मूल्यों और जनता के हकों के लिए जारी आंदोलन को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया गया। इस दौरान उत्तराखंड इंसानियत मंच के संयोजक डॉ रवि चोपड़ा, उत्तराखंड लोक वाहिनी के अध्यक्ष राजीव लोचन साह, उत्तराखंड महिला मंच की कमला पंत, गीता गैरोला, पत्रकार त्रिलोचन भट्ट, उत्तराखंड सर्वोदय मंडल के इस्लाम हुसैन, गोपाल भाई, वन पंचायत संघर्ष मोर्चा के तरुण जोशी, समाजवादी लोक मंच के मुनीश कुमार, चेतना आंदोलन के शंकर गोपाल, रचनात्मक महिला मंच के अजय जोशी, वन गुज्जर ट्राइबल युवा संगठन के मोहम्मद इशाक, जन संवाद समिति के सतीश धौलखंडी आदि मौजूद थे।
इधर, कांग्रेस पार्टी की मुख्य प्रवक्ता गरिमा दसौनी ने कहा कि कांग्रेस पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह की मां के देहांत होने की वजह से पार्टी के प्रतिनिधि कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाएंगे, लेकिन वे प्रस्ताव के साथ हैं।

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