
कोलार (आरएनएस)। कर्नाटक के नरसापुरा में तकनीक के क्षेत्र में ताईवान की दिग्गज कंपनी विस्ट्रॉन कॉरपोरेशन की ओर से संचालित एक आईफोन विनिर्माण संयंत्र में शनिवार को कर्मचारियों ने कथित रूप से वेतन बकाया को लेकर तोड़फोड़ की। पुलिस ने यह जानकारी दी। कोलार में नरसापुरा औद्योगिक क्षेत्र में 43 एकड़ में स्थापित आईफोन प्लांट संयंत्र बेंगलुरु से लगभग 60 किमी दूर है। राज्य सरकार ने कंपनी को नरसापुरा में 43 एकड़ जमीन आवंटित की थी। कंपनी ने इसमें 2,900 करोड़ रुपये का निवेश करने का प्रस्ताव दिया था और 10,000 से अधिक लोगों को रोजगार देने का आश्वासन दिया था। नरसापुरा के विनिर्माण कंपनी का उपयोग एप्पल के स्मार्टफोन एसई, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) उत्पादों और बायोटेक उपकरणों के निर्माण के लिए किया जा रहा है। घटना के वक्त, लगभग 2,000 कर्मचारियों में से अधिकांश अपनी नाइट-शिफ्ट पूरी करने के बाद कंपनी से बाहर निकल रहे थे, तभी वे उग्र हो गए और फर्नीचर, असेंबली इकाइयों को क्षति पहुंचाने पर उतारू हो गए और वाहनों में भी आग लगाने का प्रयास किया। कोलार जिले की उपायुक्त सी सत्यभामा ने कहा कि वेतन बकाया के मुद्दे को लेकर गुस्साये कर्मचारियों का एक समूह विद्रोह पर उतर आया। उन्होंने बिना ज्यादा कुछ बताए कहा कि कंपनी इस सिलसिले में जिला पुलिस को जल्द ही औपचारिक शिकायत करने वाली है, जिसके बाद पुलिस की कार्रवाई की जाएगी। कोलार जिले के अतिरिक्त पुलिस अधिकारियों के साथ वरिष्ठ पुलिस अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच गए हैं। तोडफ़ोड़ के दौरान कुछ साथी कर्मचारियों ने घटना का वीडियो शूट कर लिया, जिसमें भीड़ को दरवाजों और शीशों को तोड़ते, कारों को उल्टा करते और वरिष्ठ अधिकारियों के कार्यालयों को निशाना बनाते हुए देखा जा सकता है। विस्ट्रान ने अभी तक घटना पर टिप्पणी नहीं की है, लेकिन पुलिस सूत्रों का कहना है कि कर्मचारियों ने सैलेरी न मिलने से हताशा में यह कदम उठाया। वहीं पुलिस विभाग में मौजूद सूत्रों ने बताया कि प्लांट में काम करने वाले कर्मचारी इसलिए क्रोधित थे, क्योंकि ज्वाइंनिंग के समय जितनी राशि देने के वादा किया गया था, उतनी राशि वे नहीं दे रहे थे।
पुलिस ने कहा, इंजीनियर ग्रेजुएट को 21,000 रुपये देने का वादा किया गया था। लेकिन लॉकडाउन की वजह से 16,000 दिया जा रहा था और हाल के दिनों में इसी कारण से इसे घटाकर 12,000 कर दिया गया। वहीं अन्य कर्मचारियों को 15,000 रुपये देने का वादा किया गया था, लेकिन 8,000 रुपये दिया जा रहा था। इस बार उनके खाते में आई राशि कम थी और प्रथमदृष्टया इस घटना के पीछे इसी वजह को माना जा रहा है।