आईएमए से जुड़े निजी चिकित्सक रहे एक दिवसीय भूख-हड़ताल पर
सरकार से मिक्सोपैथी खिचड़ी पूरक विधा को तत्काल बंद करने की मांग की
ऋषिकेश। सरकार के आयुर्वेदिक डॉक्टरों को ऑपरेशन का अधिकार देने का मामला तूल पकड़ रहा है। सरकार के इस फैसले के विरोध में ऋषिकेश में आईएमए से जुड़े निजी चिकित्सक एक दिन की भूख हड़ताल पर रहे। डॉक्टरों ने एक स्वर में यह निर्णय वापस लेने की मांग उठाई। रविवार को रेलवे रोड स्थित एक प्राइवेट क्लीनिक में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और इंडियन डेंटल एसोसिएशन से जुड़े डाक्टर एकत्रित हुए। यहां डॉक्टरों ने केंद्र सरकार के मिक्सोपैथी आयुर्वेदिक डॉक्टरों को सर्जरी के अधिकार दिए जाने का विरोध किया। आईएमए शाखा अध्यक्ष डॉ हरिओम प्रसाद ने कहा कि कोरोनाकाल में आईएमए के डॉक्टरों ने जान की परवाह किए बगैर संक्रमित लोगों का इलाज किया और देश को इस संकट की घड़ी से बाहर निकाला है। डा. एके श्रीवास्तव ने कहा कि सभी डॉक्टर पांच साल में एमबीबीएस की डिग्री लेते हैं। फिर एक साल इंटर्नशिप करते हैं। तीन साल में सर्जरी में पोस्ट ग्रेजुएट करते हैं। दो साल सीनियर रेसिडेंसी करने के बाद मरीज का ऑपरेशन करने के काबिल बनते हैं। लेकिन, सरकार के नए नियमों के अनुसार आयुर्वेदिक डॉक्टर को सर्जरी करने की अनुमति देना तर्कसंगत नहीं है। आंदोलनरत चिकित्सकों ने एक स्वर में सरकार से मिक्सोपैथी खिचड़ी पूरक विधा को तत्काल बंद करने की मांग की। सकारात्मक कार्रवाई नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है। मौके पर डा. रितु प्रसाद, डा. आरके भारद्वाज डा. सोनम, डा. राजेश अग्रवाल, डा. एचडी उनियाल, डा. सावित्री उनियाल, डा. राजेंद्र गर्ग, डा. अंकित, डा. मोनी सिंह, डा. दुर्गेश, डा. विजय आदि मौजूद रहे।