हिमस्खलन में मारे गए पर्वतारोहियों के शव छठवें दिन भी नहीं लाए जाने से परिजन परेशान

उत्तरकाशी। द्रौपदी डांडा-2 में हुए हिमस्खलन में मारे गए सभी पर्वतारोहियों के शव छठवें दिन भी बेस कैंप से मातली हेलीपैड नहीं पहुंचाए जा सके हैं। इस कारण कई दिनों से यहां डेरा डाले परिजन खासे परेशान नजर आए। परिजनों ने प्रशासन के रेस्क्यू कार्य पर सवाल उठाए। कहा कि इतने दिन हो गए, अभी तक सभी शव लाए जाने चाहिए थे। माना कि मौसम खराब हुआ, लेकिन एक चक्कर में जितने शव आने चाहिए, उतने भी नहीं लाए जा रहे। मातली पहुंचे परिजन दीपक पंवार, विनय आदि ने कहा कि बीते 4 अक्तूबर से शवों के पहुंचाए जाने का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन हर दिन मौसम खराब होने का हवाला देकर कुछ ही शव ला जा रहे हैं। ऐसे में हम लोग परेशान हो गए हैं। वहीं निम के रजिस्ट्रार विशाल रंजन ने बताया कि खराब मौसम के बावजूद रेस्क्यू कार्य लगातार जारी है। घटनास्थल से बेस कैंप तक शवों को लाने में पूरा दिन लग जाता है। खराब मौसम के कारण भी हेलीकॉप्टर कभी कभार उचित जगह पर उड़ान नहीं भर पाता। यदि पोर्टरों को शव ले जाने में ही लगाएंगे, तो रेस्क्यू कार्य रुक जाएगा। इसलिए जैसे जैसे घटनास्थल से डेड बॉडीज रिकवर की गई, बेस कैंप तक पहुंचाने के बाद हेलीकॉप्टर से वापस भेजे गए। एक बार में हेलीकॉप्टर में कितने शव जाएंगे, ये उसमें बैठने वाले लोगों की संख्या पर निर्भर करता है।

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