हिमालयन अस्पताल जौलीग्रांट में हुआ एआरटी सेंटर का शुभारंभ
एचआईवी मरीजों को मिलेगी निशुल्क स्वास्थ्य सुविधा
ऋषिकेश। हिमालयन अस्पताल जौलीग्रांट में एचआईवी से ग्रसित मरीजों की समग्र जांच एवं उपचार के लिए एंटी-रिट्रोवायरल थैरेपी सेंटर (एआरटी सेंटर) का शुभारंभ किया गया है। सेंटर खुलने से उत्तराखंड ही नहीं राज्य से बाहर से आने वाले रोगियों को भी स्वास्थ्य लाभ मिलेगा।
शुक्रवार को हिमालयन अस्पताल जौलीग्रांट में कुलपति डॉ.विजय धस्माना ने एआरटी सेंटर का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि हिमालयन अस्पताल में खुले सेंटर से उत्तराखंड ही नहीं राज्य से बाहर से आने वाले एचआईवी रोगियों को भी स्वास्थ्य परामर्श के साथ उपचार भी मिलेगा। मरीजों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर की गुवत्तापरक स्वास्थ्य सुविधा देने के लिए हम स्वास्थ्य सुविधाओं में लगातार इजाफा कर रहे हैं। इसी कड़ी में अस्पताल में सरकार की ओर प्रदत स्वास्थ्य कार्यक्रम विधिवत संचालित किए जा रहे हैं। हिमालयन अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.एसएल जेठानी ने कहा कि आईसीटीसी केंद्र में जांच के उपरांत एचआईवी पॉजिटिव पाए जाने पर मरीजों के उपचार के लिए एआरटी केंद्र की आवश्यकता महसूस की जा रही थी। एआरटी केंद्र प्रभारी डॉ.गरिमा मित्तल ने बताया कि एचआईवी संक्रमित रोगियों के उपचार के लिए दवाइयां उपलब्ध हो गई हैं। शीघ्र ही सरकार से सीडी-4 की जांच से संबंधित टेस्ट किट व सामग्री उपलब्ध कराने हेतु प्रयास किए जाएंगे। इस अवसर पर प्रति कुलपति डॉ.विजेंद्र चौहान, रजिस्ट्रार डॉ.विनीत महरोत्रा, डीन डॉ.मुश्ताक अहमद, डॉ.संजॉय दास, डॉ.सोहेब अहमद, डॉ.सुभांषु चावला, श्रमी नेगी, गौरव रतूड़ी, शशि भट्ट, संजीव नैथानी आदि उपस्थित रहे।
एआरटी केंद्र परामर्श के साथ उपचार भी संभव: एआरटी केंद्र प्रभारी डॉ.गरिमा मित्तल ने बताया कि हिमालयन अस्पताल में साल 2004 से आईसीटीसी केंद्र स्थापित है। इसमें एचआईवी की जांच व परामर्श की सुविधा निशुल्क उपलब्ध कराई जा रही थी। हालांकि, अब तक एचआईवी संक्रमित पाए जाने वाले मरीजों को दवा के लिए देहरादून व अन्य क्षेत्रों के एआरटी केंद्रों में भेजा जाता था। लेकिन, अब एआरटी केंद्र खुल जाने से हिमालयन अस्पताल में ही मरीजों को निशुल्क एआरटी की दवा मिल सकेगी।