हरिद्वार जिले में इस साल गेहूं का उत्पादन घटने की आशंका

रुड़की। इस बार हरिद्वार जनपद में गेहूं की उपज पिछले साल से घटने की आशंका है। हालांकि सरसों, जौ व जई का उत्पादन इस साल बढ़ सकता है। इसकी पहली वजह गन्ने की कम पर्ची मिलने से खेत खाली न होने को माना जा रहा है। दूसरे जनवरी में हुई बेमौसमी बारिश ने भरी गेहूं की बुआई पर असर डाला है।
हरिद्वार जिले के किसान गन्ने के बाद दूसरे नंबर पर मुख्यत: गेहूं व धान की ही फल पैदा करते हैं। लेकिन इस साल यहां गेहूं की कुल पैदावार पिछली बार से कम होने की संभावना है। किसान जोगेंद्र सिंह, राजकुमार, बीरसिंह ने बताया कि ज्यादातर किसान मुंढा (पेड़ी) गन्ना काटने से खाली हुए खेत की तैयारी करके उसमें गेहूं की बुआई करते हैं। लेकिन इस साल किसानों को मिल से गन्ने की पर्चियां कम मिली हैं। लिहाजा किसान समय रहते गन्ने की कटाई कर खेतों को खाली ही नहीं कर पाए। किसान सुधीर चौधरी, राकेश कुमार, बचन सिंह का कहना है कि जनवरी महीने में किसानों ने गेहूं की बुआई के लिए खेत तैयार किए थे। पर इसी दौरान बिना मौसम के भारी बारिश होने से खेतों में पानी भर गया। पंद्रह से बीस दिन के बाद खेतों का पानी ता सूख गया, परंतु तब तक गेहूं की पछेती बुआई का समय भी निकल चुका था। इससे इस बार जिले में गेहूं की उपज का रकबा ही बीस फीसदी तक घट गया है।

इस साल बढ़ गया सरसों का क्षेत्रफल
जिले में जहां गेहूं का रकबा भले ही कम हो गया है, पर किसानों ने सरसों की बंपर बुआई की है। जौं व जेई की फसल का रकबा भी बढ़ा है। किसान मनीराम, सुरेश शर्मा, बिट्टू धीमान ने बताया कि लेट होने के कारण किसान जिन खेतों में गेहूं नहीं बो पाए, उनमें सरसों, जौं व जेई की फसल उगाई है। इससे इस बार सरसों, जौं व जेई की उपज ज्यादा होगी।


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