हंस आजीविका परियोजना के माध्यम से मधुमक्खी पालन का दिया प्रशिक्षण

अल्मोड़ा। हंस फाउंडेशन द्वारा संचालित हंस आजीविका परियोजना के अंतर्गत 100 ग्रामीणों को राजकीय मौन पालन केन्द्र ज्योलीकोट में तीन दिवसीय मौन पालन का प्रशिक्षण दिया गया। द हंस फाउंडेशन आजीविका के क्षेत्र में हंस आजीविका परियोजना के माध्यम से ग्रामीणों को तकनीकी ज्ञान देकर आजीविका संवर्धन कर स्वरोजगार से जोड़ने का कार्य कर रही है। हंस आजीविका परियोजना के अंतर्गत अल्मोड़ा में हवालबाग विकास खंड के कनेली, कुज्यडी, कनलबूंगा, गधोली, कुज्याड़ी, मटेना और पौड़ी जनपद के एकेश्वर विकास खंड के ग्राम हलाई के कृषकों ने मौन पालन पर प्रशिक्षण प्राप्त किया। कार्यक्रम में मौन पालन केंद्र ज्योलीकोट के वरिष्ठ कीटविद भावना जोशी, पूरन कनवाल द्वारा प्रशिक्षण दिया गया। परियोजना प्रबंधक दलीप कुलेगी ने बताया कि ग्रामीणों की सबसे मुख्य समस्या तकनीकी ज्ञान का अभाव है इस हेतु द हंस फाउंडेशन द्वारा हंस परियोजना के माध्यम से ग्रामीणों को मौन पालन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षितों को भविष्य में मधुमक्खी पालन गतिविधि के माध्यम से स्वरोजगार से जोड़ा जाएगा। प्रशिक्षण में मौन पालन केन्द्र ज्योलीकोट की रश्मि जोशी, हंस फाउंडेशन के योगेंद्र चौहान, विषय विशेषज्ञ राकेश कुमार, ब्लॉक समन्वयक मोहित बिष्ट, प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर जसवंत नेगी, क्षेत्र समन्वयक उत्तम कुमार, सूरज कुमार, अनिल चौहान, दीपाली आदि उपस्थित रहे।


error: Share this page as it is...!!!!