ग्वाटेमाला प्रदर्शनी में भारतीय हस्तशिल्प ने बिखेरी चमक

नयी दिल्ली। लातिन अमेरिकी देश ग्वाटेमाला मेड इन इंडिया व्यापार प्रदर्शनी में भारत के 10 राष्ट्रीय दिग्गज शिल्पकार और निर्यातक हस्तशिल्प उत्पादों की विशाल श्रृंखला पेश कर भारतीय हस्तशिल्प की चमक बिखेर रहे हैं।
लातिन अमेरिकी क्षेत्र में भारत के हस्तशिल्प और कलात्मक उत्पादों की अच्छी मांग है और पिछले वित्त वर्ष के दौरान भारत से 682 करोड़ रुपये मूल्य के हस्तशिल्प का निर्यात हुआ था।
वस्त मंत्रालय की हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसीएच) द्वारा वहां भारतीय राजनयिक मिशन के सहयोग से ग्वाटेमाला सिटी में तीन दिन की यह प्रदर्शनी आज सम्पन्न हो रही है। ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक राकेश कुमार के हवाले से बताया गया है कि इस प्रदर्शनी में भारतीय हस्तशिल्प निर्माताओं तथा निर्यातकों द्वारा घर के सजावटी सामान, फर्निशिंग, दरी-कालीन, फर्नीचर, लैम्प, फैशन आभूषण व सम्बंधित सामग्रियां, धूप-अगरबत्ती, खुशबूदार तथा आरोग्य उत्पाद प्रदर्शित किए गए हैं।
इस प्रदर्शनी का उद्घाटन ग्वाटेमाला के उपराष्ट्रपति व कार्यकारी राष्ट्रपति गुईलेरमो कास्टिलो तथा ग्वाटेमाला में भारत के राजदूत डॉ. मनोज कुमार महापात्रा ने किया। ईपीसीएच के अध्यक्ष राज कुमार मलहोत्रा ने उम्मीद जताई है कि इस व्यापार प्रदर्शनी के जरिये लातीनी अमेरिकी क्षेत्र में व्यापार तथा लोगों के बीच मेल-मिलाप बढ़ेगा।
डॉ. मनोज कुमार महापात्रा ने कहा कि इस तरह के आयोजनों से दुनिया के सामने भारत के अपार कौशल व उसकी प्रतिस्पर्धात्मक धार को प्रदर्शित करने और विश्व मानकों के अनुरूप गुणवत्ता का पालन करने का अवसर मिलता है।
मंत्रालय के अनुसार वर्ष 2021-22 के दौरान हस्तशिल्प का निर्यात 33253.00 करोड़ रुपये (4.46 अरब डालर )था जो इससे पिछले वर्ष की तुलना में रुपये के हिसाब से निर्यात में 29.49 प्रतिशत और अमेरिकी डालर के हिसाब से 28.90 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। लातीनी अमेरिका को भारत से हस्तशिल्प का निर्यात वर्ष 2021-22 में 682 करोड़ रुपये (9.2 करोड़ डालर के बराबर था।