ग्रामीणों ने लगाया शासन-प्रशासन पर उपेक्षा का आरोप

नैनीताल। धारी तहसील के बिरसिंग्या के ग्रामीणों में गांव की उपेक्षा के प्रति शासन-प्रशासन के खिलाफ आक्रोश है। आरोप है कि दशकों से ग्रामीण सडक़ की मांग कर रहे हैं, लेकिन उनको आज तक सडक़ नसीब नहीं हो पाई है। इसके चलते ग्रामीण आज भी पांच किमी ऊबड़-खाबड़ रास्ते से पैदल चलने को मजबूर हैं। गांव में सोमवार को आयोजित बैठक में क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता रमेश टम्टा ने बताया कि ग्रामीण चुनाव का बहिष्कार कर चुके हैं। हर चुनाव से पहले नेताओं द्वारा ग्रामीणों से वादा किया जाता है कि जीतने के बाद सबसे पहले वह कार लेकर गांव पहुंचेंगे। चुनाव जीतने के बाद खुद उनके पास कार तो आ जाती है, लेकिन आम लोगों के लिए सडक़ आज तक नहीं बन पाई है। बिरसिंग्या गांव में दो सौ की जनसंख्या है। यहां के लोग लंबे समय से सडक़ की मांग कर रहे हैं। विधायक राम सिंह कैड़ा ने सडक़ बनाने का प्रयास किया, लेकिन उसमें वन विभाग का पेच फंस गया। बैठक में सामाजिक कार्यकर्ता रमेश टम्टा के अलावा पूर्व प्रधान जयराम, प्रमोद कुमार, मोहनी देवी, मधुली देवी, बचुली देवी, सुनील कुमार, धर्मपाल, सुरेश चंद्र, शंकर राम, दीवानी राम आदि मौजूद रहे।


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